ये जॉब हमारे बस की नहीं , लिखते हुए 5 ट्रेनी कांस्टेबलों ने एसएसपी को दिया रिजाइन
मुजफ्फरनगर में एक महिला और दो पूर्व सैन्यकर्मी समेत 5 ट्रेनी कांस्टेबल इस्तीफा देने के लिए एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। वहां मौजूद जब अधिकारियों ने पूरी बात सुनी तो वो चौंक गए। फिलहाल एक ट्रेनी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। जबकि 4 पर जांच के आदेश दे दिए गए।5 ट्रेनी कांस्टेबलों ने निजी कारणों और पुलिस की नौकरी के लिए खुद को अनुपयुक्त बताते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। एसएसपी को उनके त्यागपत्र सौंप दिए गए हैं। एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की है कि मामले की जांच की जा रही है कि इस्तीफा देने के पीछे आखिर असली माजरा क्या है।वैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल करने वाले एक ट्रेनी ने इस्तीफा देने का अजब-गजब वजह बता दी।उसका कहना है कि ट्रेनिंग बहुत मुश्किल है।कुछ हफ्तों बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं पुलिस सेवा के लिए नहीं बना हूं।इसलिए मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक ट्रेनी के प्रशिक्षण के बीच में ही नौकरी छोड़ने के अपने निजी कारण थे। महिला कांस्टेबल ने कथित तौर पर किसी अन्य सरकारी विभाग में बेहतर नौकरी मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया। जबकि एक अन्य ट्रेनी ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।लेकिन उसके माता-पिता चाहते थे कि वह परीक्षा दे। सेलेक्शन होने और ट्रेनिंग के लिए मुजफ्फरनगर भेजे जाने के बाद उसे महसूस हुआ कि यह बहुत कठिन है। उससे नहीं होगा। इसलिए उसने नौकरी छोड़ने का फैसला किया।इनके अलावा 2 पूर्व सैन्यकर्मियों ने भी रिजाइन दे दिया।उन्होंने कहा कि वे पुलिस सेवा की मांग के अनुसार अपने गृह जिलों से दूर रहने के बजाय अपने परिवार के पास रहना पसंद चाहते हैं।इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं एसएसपी ने कहा एक ट्रेनी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है जबकि अन्य 4 के मामले में जांच चल रही है। आगे की कार्रवाई बाद में की जाएगी।अधिकारियों के अनुसार पुलिस प्रशिक्षण छोड़ने वाले किसी भी ट्रेनी को प्रशिक्षण शुल्क चुकाना होगा। जो प्रशिक्षण के प्रत्येक दिन के लिए 800 रुपये प्रतिदिन से अधिक है।
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