यूपी पुलिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगातार बढ़ते अपहरण मामलों को लेकर पुलिस की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिस तरह से लगातार अपहरण के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और अपहरण के मामलों में पुलिस खोजबीन तक नहीं कर पाती है।कोर्ट ने कहा अपहरण के मामलों में अपहरणकर्ता की ही हत्या हो जाती है तो सबसे पहले पुलिस की को अपनी जिम्मेदारी तय करना चाहिए और इसी के अधिकार क्षेत्र में केस दर्ज किया जाना चाहिए।इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से पुलिस के लिए यह भी कहा गया है की पुलिस अधिकारी हमेशा बड़ी छवि बनाने की कोशिश में दिखते हैं लेकिन वह किसी भी तरीके से शिकायतों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते।अगर किसी वजह से अपहरण व्यक्ति का पता नहीं लगता है तो इसके लिए पुलिस की प्रमुख जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।वाराणसी से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। इस दौरान नितेश कुमार की याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा यह पहला मामला नहीं है जब लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है हमने कई बार देखा है कि पुलिस खुद शिकायतों को प्राप्त करने और उन पर ध्यान देने से बचती रहती है।याची का भाई 31 मार्च 2025 से लापता है कथित तौर पर उसका अपहरण कर लिया गया है।जिसके बाद 3 अप्रैल 2025 को शिकायत दर्ज की गई थी लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाई है। इस मामले में अधिकारियों की कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है यही कारण है कि कई बार अपहरण किए गए व्यक्ति की हत्या हो जाती है।इस अपहरण के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी के पुलिस आयुक्त से हलफनामा तलब किया है और 12 जून को इस मामले की सुनवाई की तारीख को निर्धारित किया गया है।
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