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अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश,15 गिरफ्तार


 लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल, और PGI थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 15 शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है यह गिरोह श्रीलंका, सिंगापुर, और दुबई के बाद पिछले एक महीने से लखनऊ के PGI थाना क्षेत्र में एक अपार्टमेंट के पेंटहाउस से संचालित हो रहा थापुलिस के अनुसार यह गिरोह “अन्ना रेड्डी” नामक फर्जी गेमिंग ऐप और वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहा थागिरोह ऑनलाइन सट्टेबाजी और निवेश के नाम पर लोगों को लालच देकर उनके बैंक खातों में पैसे जमा करवाता था एक बार रकम जमा होने के बाद पीड़ितों के खाते ब्लॉक कर दिए जाते थे जिससे लोग न तो अपना पैसा निकाल पाते थे और न ही मुनाफा प्राप्त कर पाते थेDCP क्राइम ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ पूरे देश से 200 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं जिनमें अधिकतर शिकायतें दक्षिण भारत से प्राप्त हुई थीं गिरोह विशेष रूप से दक्षिण भारत के लोगों को अपना निशाना बनाता था यह गिरोह फर्जी सिम कार्ड, बैंक खातों, और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करता था ताकि लेनदेन को ट्रेस करना मुश्किल होठगी की रकम को कई खातों में घुमाकर तुरंत निकाल लिया जाता था और इसके बाद डिवाइस और लोकेशन बदल दी जाती थीगिरफ्तार 15 आरोपियों में 12 बिहार के, एक लखीमपुर, एक देवरिया, और एक भोपाल का रहने वाला है. इनकी उम्र 19 से 29 वर्ष के बीच है पुलिस ने इनके कब्जे से 70 मोबाइल फोन, 115 एटीएम कार्ड, 38 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक, चेकबुक, और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं“अन्ना रेड्डी” ऐप के माध्यम से गिरोह लोगों को ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी, और निवेश के नाम पर झांसा देता था इस ऐप में गिरोह के पास यह नियंत्रण था कि किस खिलाड़ी को जिताना है और किसे हराना है शुरुआत में पीड़ितों को छोटी रकम जीतने दी जाती थी ताकि उनका भरोसा जीता जाए इसके बाद जब लोग बड़ी रकम निवेश करते थे तो उनके खाते ब्लॉक कर दिए जाते थे पुलिस का दावा है कि इस गिरोह ने सैकड़ों लोगों से करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी की हैDCP क्राइम  और एडीसीपी क्राइम  ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क श्रीलंका, सिंगापुर, और दुबई तक फैला हुआ हैगिरोह का सरगना विशाल यादव उर्फ गन्नी उर्फ प्रिंस फरार है जिसकी तलाश में पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैंपुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्यों की ट्रैवल हिस्ट्री से विदेशी कनेक्शन की जानकारी मिली है और जांच को इसी दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है।

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