यूपी के सरकारी भवनों में अब नहीं होगी सामान्य पेंटिंग
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में पशुपालन विभाग और दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी करने तथा पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की भी व्यापक सम्भावनाएं हैं। तकनीक निवेश और नवाचार को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त किया जाना चाहिए।बैठक में मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं। इनकी निगरानी CCTV कैमरों से की जा रही है और नियमित अंतराल पर निरीक्षण भी हो रहा है।इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि गो आश्रय स्थलों में केयर टेकर की तैनाती उन्हें समय से मानदेय भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।. यहां समय-समय पर पशु चिकित्सकों की विजिट भी कराई जाए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है। उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए।इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।
कोई टिप्पणी नहीं