यूपी में अब अपराधियों की खैर नहीं
लखनऊ अब लुटेरे, तस्कर, स्नैचर के अलावा माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्व और पुलिस से भिड़ने वालों की खैर नहीं है। कमिश्नरेट पुलिस के जवानों को जल्द अत्याधुनिक पिस्टल मिलेगी। ये सेमी आटोमेटिक होने के साथ ही पहले के मुकाबले हल्की और पकड़ने में आसान रहेगी।कुछ पिस्टल एसटीएफ और एटीएस जवानों के पास है। इनमें मेड इन इटली की बरेटा और ऑस्ट्रिया की ग्लाक-19 पिस्टल शामिल है। इंस्पेक्टर और दारोगा के पास नाइन एमएम और ग्लाक-17 पिस्टल हैं। नई पिस्टल आकार में थोड़ी छोटी है, जिसको दायें और बायें हाथ के पुलिसकर्मी चला सकेंगे। इसे हाथों में लेना आसान है। पुलिस अधिकारियों की पिस्टल को लेकर बात चल रही है। सीतापुर स्थित आर्म सेंटर को इसके लिए प्रस्ताव भेजा जा सकता है।कमिश्नरेट पुलिस के पास इंसास, प्रेशर पंप गन और एमपी फाइव जैसे अत्याधुनिक हथियार हैं।जिनका उपयोग बलवा, मुठभेड़ और जवाबी कार्रवाई में होता है। हथियार आइपीएस अधिकारियों के अलावा थाना स्तर पर भी दिए गए हैं। यहां काफी संख्या में कार्बाइन भी हैं, जिनको थाने के साथ जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में लगे सिपाहियों को दी जाती है। इन हथियारों की समय-समय पर जांच होती है, जबकि पुलिस लाइन में अभ्यास भी कराया जाता है विशेषज्ञों के मुताबिक नई बरेटा और ग्लाक-19 पिस्टल के होल्सटर को क्रास लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर बायें हाथ से फायरिंग करने वाला पुलिसकर्मी है, तो वह होल्सटर बायें ओर लगा सकता है। इसी तरह दायें हाथ से कार्य करने वाले पुलिसकर्मी अपने दायें हिस्से में पिस्टल लगा सकेंगे।
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