मिस्ड कॉल से दोस्ती और फिर ब्लैकमेलिंग
मेरठ पुलिस ने हनी ट्रैप में फंसाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सभी सदस्य बेहद शातिर हैं और रेकी करने के बाद शख्स को अपने जाल में फंसाते थे।दिल्ली गाजियाबाद और मेरठ के 7 लोग मिलकर हनी ट्रैप का गैंग चला रहे थे। गैंग उन लोगों के नंबर इकट्ठा करता था जो ज्यादा पैसे वाले हैं या फिर अकेले हैं और युवा हैं।
रात के वक्त गैंग की सदस्य दिल्ली की रहने वाली सुमैया शालू बनकर और दूसरी महिला रूहीना रेकी किए गए नंबर पर मिस्ड कॉल करती थी। मिस्ड कॉल देखकर सामने वाला व्यक्ति कॉल करता था तो उसे सॉरी बोलकर फोन रख दिया जाता था। लेकिन इसके बाद फिर मैसेज या मिस्ड कॉल की जाती थी और यहीं से बातों का सिलसिला आगे बढ़ाया जाता था। मीठी-मीठी बातें करके लोगों को धीरे-धीरे जाल में फंसाया जाता था।ये गैंग बेहद ही शातिर है मिस्ड कॉल से शुरू हुई दोस्ती झूठे प्यार में बदलकर अवैध संबंधों तक पहुंच जाती थी। कई बार अवैध संबंध बनने के बाद पैसे की डिमांड शुरू होती थी। जब तक पैसा आ रहा है तो ठीक नहीं तो फिर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी और या मुकदमा दर्ज कराकर ब्लैकमेलिग की डील शुरू होती थी। सुमैया और रूहिना के साथी फोन करके अवैध संबंध बनाने वाले व्यक्ति को धमकाते थे। यदि कोई तब भी काबू के नहीं आया तो फिर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने से शुरू होता था।हनी ट्रैप का खेल।लोगों को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने वाला गैंग खुद अपने ही बिछाए जाल में फंस गया। मेरठ के काशी में रहने वाले आकिल नाम के व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाकर ये गैंग परतापुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने पहुंचा था। पुलिस को थोड़ा शक हुआ और जांच की गई तो पूरा राज फाश हो गया।जिस महिला ने अपना नाम शालू शर्मा बताया और जब उसका आधार कार्ड मांगा गया तो उसमें नाम सुमैया था।बस यही से ही पुलिस को क्लू मिल गया और एक एक करके गैंग के 7 सदस्य हत्थे चढ़ गए पुलिस की माने तो ये गैंग अब तक 50 से ज्यादा लोगों को निशाना बना चुका है।दिल्ली का रहने वाला आसिफ, फिरोज, गाजियाबाद का दीपक और फहीम मेरठ के कंकरखेड़ा का रहने वाला अनिकेत मिलकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे थे।दिल्ली की रहने वाली रूहिना और सुमैया दो महिलाएं भी इस गैंग में हैं।सुमैया खुद को शालू शर्मा बताकर फोन पर रात को बात करती थी और फिर बात अवैध संबंधों तक पहुंचकर ब्लैकमेलिंग शुरू होती थी।पुलिस ने इन 7 लोगों को गिरफ्तार कर स्विफ्ट कार, बाइक, फर्जी आधार कार्ड, 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।परतापुर पुलिस ने हनी ट्रैप के इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस अधीक्षक सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि इस गिरोह के पास से जो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं उसमें कुछ वीडियो भी मिली हैं जबकि काफी वीडियो गैंग की महिलाओं ने डिलीट भी कर दी थी।पूरे गैंग से पूछताछ में कई बड़ी जानकारियां हाथ लगी हैं।कितने लोगों को निशाना बनाया और कितना पैसा ठगा इसकी जांच कर रहें हैं। हनी ट्रैप में फंसाकर कितने लोगों पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है उसकी भी जांच की जा रही है।
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