नक्सल फंडिंग मामले में NIA का UP में छापा
लखनऊ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीमों ने नक्सल फंडिंग की जांच में शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश में भी छापेमारी की। प्रयागराज और महराजगंज में 2 युवकों से लंबी पूछताछ की गई। मोबाइल और तलाशी में मिले दस्तावेज पत्रिकाएं आदि टीम साथ ले गई। टीम ने युवकों को लखनऊ में NIA कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।इसके अलावा दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में भी छापेमारी की गई। NIA प्रतिबंधित संगठन सीपीआइ (माओवादी) के लिए उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में नेटवर्क बनाकर फंडिंग के साथ ही युवाओं की फौज तैयार करने वालों की छानबीन भी कर रहा है। इसी कड़ी में NIA ने सितंबर, 2023 में प्रयागराज, देवरिया, आजमगढ़, चंदौली व वाराणसी में सीपीआइ (माओवादी) से जुड़े 9 लोगों के 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी।NIA ने एक केस भी दर्ज किया था। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में छात्र संगठनों को निशाना बनाकर उनके नेताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी सीपीआइ (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य को सौंपी गई थी। सदस्य से जुड़े कई सक्रिय सदस्यों की जानकारी मिली थी। जिन्हें देश व सरकार विरोधी गतिविधियां संचालित करने के लिए जोड़ा गया था। NIA की छापेमारी से पूर्व ATS ने बलिया से सीपीआइ (माओवादी) की गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में नक्सली तारा देवी व उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। एनआइए की डीएसपी रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम शुक्रवार सुबह करीब 4:45 बजे प्रयागराज में आशीष लाज पहुंची।यहां पर किराये के कमरे में रहने वाले आगरा निवासी देवेंद्र आजाद को एनआइए के अधिकारियों ने नोटिस दिखाया। उसके रूम पार्टनर को बाहर कर दिया। कमरा बंद कर उससे आठ घंटे पूछताछ हुई। उसके 2 लैपटाप एवं मोबाइल फोन को भी चेक किया गया, चैटिंग के बारे में पूछताछ की गई। कमरे में मिली एक पत्रिका में छपे उसके लेख के बारे में कई सवाल किए गए।दोपहर करीब 12 बजे टीम दो पत्रिकाएं, नागरिक समाज का पर्चा लेकर लखनऊ के लिए निकल गई। देवेंद्र आजाद का कहना था कि वह अध्ययन के लिए प्रयागराज आया है।उसका किसी मामले से लेना-देना नहीं है। NIA टीम ने उससे एक पत्रिका में छपे उसके लेख के बारे में जानकारी ली। जनवरी 2023 में लखनऊ में दर्ज एक मामले को लेकर भी पूछताछ की। उसे 15 सितंबर को NIA कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
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