यूपी में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 43.53 फीसदी पर पहुंची
लखनऊ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में मनरेगा में जहां महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई जा रही है, वहीं दिव्यांगजनो को भी भरपूर काम दिया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत जरूरमंद लोगों को निरंतर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीब मजदूर, महिला या फिर दिव्यांग हों, सभी रोजगार पाने के अधिकार है। दिव्यांगजन की श्रेणी में आने वाले लोगों को भी मनरेगा योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों से जोड़कर रोजगार दिया जा रहा है। दिव्यांग जनों को उनकी योग्यता, कार्यकुशलता, क्षमता के आधार पर कार्य उपलब्ध कराया जाता है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनरेगा में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबतक 53 हजार से अधिक दिव्यांगजनों का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें से 16,231 दिव्यांगजनों को मनरेगा के तहत कार्य भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे 4,40,408 मानव दिवस सृजित किये गये हैं।ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत करीब 14 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए, जिनमें महिला श्रमिकों द्वारा से 5.99 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए गए हैं जो लगभग 42.79 प्रतिशत से ज्यादा है। प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत महिलाओं की भागीदारी भी लगातार बढ़ रही है। मानव दिवस सृजन के मामले में महिलाओं की भागीदारी 2019-20 और 2020- 21 में 34 प्रतिशत रही, वर्ष 2021-22 में 37 प्रतिशत रही, वर्ष 2022-23 में 38 प्रतिशत रही और वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर औसतन 42.26 प्रतिशत हो गई है, और अब वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 42.79 प्रतिशत हो गयी है।
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