पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का सानिध्य था प्राप्त, दलगत राजनीति से ऊपर रहा स्व सांसद जय भद्र सिंह का व्यक्ति
सुलतानपुर दलगत राजनीति से ऊपर था पूर्व सांसद जयभद्र सिंह का व्यक्तित्व सरल स्वभाव का था। उन्हें हर दल के नेताओं का सम्मान प्राप्त था।बसपा सांसद होने के बावजूद उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सानिध्य प्राप्त था। सांसद स्वर्गीय जय भद्र सिंह पार्टी विचारधारा के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को लेकर चलते थे ।आज उनके निधन के तीसरे दिन भी उनके दंपड़गंज स्थित माया गांव में शुभचिन को द्वारा शोक जताया जा रहा है कई जनपद के लोग भी समय निकालकर उनके घर पहुंच कर परिजनों को ढाँढस बंधा रहे हैं। गौर तलब है कि पूर्व सांसद सुलतानपुर जयभद्र सिंह का निधन बीते दो फरवरी को लम्बी बीमारी के बाद महाप्रयाण कर गए। अन्त्येष्टि संस्कार पूर्ण वैदिक रीत्यानुसार उनके पैतृक गांव मायंग में उसी दिन सायंकाल सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर परिवारीजन और क्षेत्र के सम्भ्रान्त जन भारी संख्या में उपस्थित होकर अश्रुपूरित अन्तिम विदाई दी गयी । परिवार में उनके पुत्रगण:- रवि भद्र सिंह, मणि भद्र सिंह और शशिभद्र सिंह को उनके शुभचिंतकों को ढांढस बंधा रहे हैं। स्व.सांसद सुलतानपुर क्षेत्र के वर्ष 1999 से 2004 पर्यन्त जनप्रिय सांसद रहे। उनका जन्म सुप्रसिद्ध आर्य परिवार में 15सितम्बर1952ई को हुआ। आपके पितामह श्रीमन्त भगवान बख्श सिंह मायंग गांव के एक बहुत बड़े सम्माननीय रईस क्षत्रिय,आर्य समाजी और यज्ञ प्रेमी थे। उनके दो पुत्र हुए ज्येष्ठ स्व.शारदा प्रसाद सिंह और दूसरे स्व. रण भद्र सिंह की तीन सन्तानों में आप ज्येष्ठ और मझले स्व.श्री भव भद्र सिंह और छोटे भाई धर्म पारायण श्रीमन्त सूर्य भद्र सिंह हैं। अपने पीछे अपनी धर्म पत्नी आर्य सिद्धान्तों की पोषिका आशा सिंह , तीनों पुत्रगण तथा बहुयें सुमन सिंह, सुप्रिया सिंह और दीप्ति सिंह एवं पौत्र तथा पौत्रियाँ छोड़ गए हैं। इनकी अभूतपूर्व सेवा परिवार ने की है।उल्लेखनीय है कि इनके परिवार में भव्य यज्ञ शाला इनके चचेरे बड़े भाई वयोवृद्ध इंजीनियर वीर भद्र सिंह के निर्देशन में निर्मित जिसमें समय समय पर एवं वर्ष में वृहद् यज्ञ वर्षों से होता आ रहा है। देश के जाने माने आर्य समाज के विद्वान् , संन्यासी उपदेशक आदि राजनीतिक नेतागण भी पधार चुके हैं। हार्दिक श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं।
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