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सुलतानपुर में राजाकुश के किले पर भूमाफियाओं की नजर


सुलतानपुर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम के पुत्र कुश का किला शहर के उत्तरी गोमती तट पर स्थित था, जिसे कुशभवनपुर भी कहा जाता था। जिसके अन्तिम हिन्दू शासक राजा नन्द कुंवर राजभर जी थे।खिलजी के शासन काल में कुशभवनपुर का नाम बदलकर सुलतानपुर रख दिया गया था। त्रेता युग में लोक कथाओं में यह जुड़ा हुआ है। गोमती नदी के बीचो बीच बसा नगर इतिहासकारों की माने तो कुशभवनपुर ही है। यह कि कुशपुर के किले के रूप में दुर्ग मौजूदा खण्डहर जिस पर वर्तमान समय में सत्य सांईदाता आश्रम के रूप में विद्यमान है। गौर तलब है कि अंग्रेजी हुकूमत में उक्त खण्डहर को चिरागंगुल घोषित किया गया था। जिस पर प्रथम सिद्ध सन्त सत्य सांईदाता अवरण शाह द्वारा प्रथम बार चिराग जलाया गया था। तब अंग्रेजी कलेक्टर द्वारा किले का निरीक्षण का प्रयास किया गया था। स्थानीय नागरिकों की माने तो कलेक्टर द्वारा पैदल टीले पर चढ़कर सिद्ध सन्त साईदाता से मुलाकात की गई और सन्त से प्रभावित होकर किला टीला से लगावत सम्पूर्ण जमीन सत्य सांई आश्रम के नाम से राजस्व में दर्ज करने का आदेश दिया गया था। टीले पर समाधि स्थल एवं मन्दिर, अर्स महल, टूटी दीवाले, कई प्राचीन कुए शाही इमामबाड़ा, नदी के किनारे जर्जर बन्दरगाह के अवशेष आज भी देखे जा सकते है। किले से उत्तर तरफ गोमती नदी है। आश्रम सन्1913 के पहले से राजस्व अभिलेखों में दर्ज था, जिसका संचालन सत्य साई आश्रम के मठाधीष द्वारा किया जा रहा है। विदित हो कि सन् 2002 के बाद सरकारी कार्यालयों के कागजातों में दर्ज अभिलेखों में भू-माफियाओं द्वारा जमीन हड़पने के उद्देश्य से हेरा-फेरी करायी गयी।जबकि 1982 से ही आश्रम द्वारा आज तक न्यायालयों में लड़ाई लड़ी जा रही है। विदित हो कि पुरातत्व विभाग ने भी उक्त किला टीला दर्ज है। गौर करने की बात यह है कि उक्त आश्रम की भूमि चकबन्दी से बाहर थी, फिर भी अभिलेखों में हेरा-फेरी करके भू-माफियाओं द्वारा खरीद फरोख्त जारी है। आज पत्रकार बन्धुओं के माध्यम से सरकार से यह अपील की जा रही है कि किले की पौराणिक धरोहर को बचाने के लिये इसे पर्यटन स्थल घोषित किया जाये और पौराणिक धरोहर को विकसित कर सुरक्षित किया जाये। सत्य सांई सेवा ट्रस्ट द्वारा बच्चों को स्टेशनरी, ड्रेस आदि उपलब्ध करायी जाती है एवं शिविर के माध्यम से आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क इलाज भी कराया जाता है। आश्रम द्वारा शीघ्र ही गुरूकुल की स्थापना भी की जायेगी। सत्य साई आश्रम के संचालक महंत साई दयानंद शाह ने उक्त प्रकरण को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में उठाकर न्याय मांगने की बात भी कही है।

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