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महिला जज ने मांगी इच्छा मृत्यु, मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र


बांदा जिले में तैनात सिविल जज ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश से इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की है। आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की गई। इतना ही नहीं जिला जज द्वारा रात में मिलने आदि का दबाव बनाया गया। जिला जज के खिलाफ शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई न होने से निराश सिविल जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश को पत्र लिखकर इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की है।

                                     पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है 

बांदा की सिविल जज अर्पिता साहू ने पत्र में लिखा मैं निराश होकर यह पत्र लिख रही हूं।इस लेटर का मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कोई अन्‍य उद्देश्‍य नहीं है। मेरे सबसे बड़े अभिभावक सर्वोच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश  (CJI) ने मुझे अपना जीवन समाप्‍त करने की अनुमति दें। मैं उत्‍साह और इस विश्‍वास के साथ न्‍यायिक सेवा में शामिल हुई थी कि मैं आम लोगों को न्‍याय दिला पाऊं। लेकिन मुझे पता नहीं था कि जिस कार्य के लिए मैं जा रही हूं वहां पर मुझे ही न्‍याय के लिए भीख मांगना पड़ेगा। सिविल जज अर्पिता साहू ने आगे लिखा मेरी सेवा के थोड़े से ही समय में मुझे खुली अदालत में दुर्व्‍यवहार का सामना करना पड़ा। मेरे साथ यौन उत्‍पीड़न किया गया है। उन्‍होंने आगे लिखा मैं काम करने वाली महिलाओं से कहना चाहती हूं कि यौन उत्‍पीड़न के साथ जीना सीखें यही हमारे जीवन का सत्‍य है।शिकायत करने पर प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। मैं जज हूं लेकिन मैं अपने लिए निष्‍पक्ष जांच तक नहीं करा सकी। चलो न्‍याय क्‍लोज करें मैं सभी महिलाओं को सलाह देती हूं कि वह खिलौना या निर्जीव वस्‍तु बनना सीख लें।

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