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सुलतानपुर में तीसरे दिन प्रधानाध्यापक के शव का कुड़वार घाट पर हुआ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि


सुलतानपुर जूनियर हाईस्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी का तीसरे दिन कुड़वार घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। शव यात्रा गुरुवार सुबह जब घर से निकली तो पत्नी व बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

बता दें कि गुरुवार सुबह लगभग 7 बजे जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना व पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा बल्दीराय के केवटली गांव पहुंचे। दोनों आला अधिकारियों ने मृतक प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी के परिजनों से वार्ता शुरू किया। पेंच  FIR पर आकर फिर फंस गया। आखिर में मृतक के बेटे ज्ञान प्रकाश द्विवेदी से तहरीर लेकर उच्च अधिकारियों ने कुड़वार थाने पर भेजा। जहां सुबह 8:20 पर बीईओ मनोजीत राव के विरुद्ध धारा 306, 506 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत हुआ।

FIR की कॉपी मिलते ही परिवार वालों ने अंतिम संस्कार के लिए शव उठाया और कुड़वार घाट के लिए लेकर रवाना हुए। मृतक के भाई धर्म प्रकाश द्विवेदी, बेटा ज्ञान प्रकाश द्विवेदी और बेटी श्वेता मंगलवार शाम से लगातार मांग कर रहे थे कि आरोपी बीईओ के खिलाफ FIR दर्ज हो और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि लगातार पीड़ित परिवार और शिक्षक संगठन को समझाने में लगे रहे। 38 घंटे तक निरंतर मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा लेकिन बात एफआईआर पर आकर टिकी रही। अंत में जिले के अधिकारियों ने परिवार की मांग को माना तब कही जाकर बात बनी। इस मामले में बुधवार दोपहर बाद से ही जिले की सांसद मेनका गांधी जिले और शासन स्तर के अधिकारियों से सीधे संपर्क में आ चुकी थी उन्होंने FIR दर्ज करने के लिए शासन में कहा था। जिसको देर से ही सही अमल में लाया गया।बता दें कि कुड़वार के पूरे चित्ता जूनियर हाईस्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी शनिवार को वे बेटे के स्वास्थ्य बिगड़ने पर अवकाश लेकर घर आए थे। इसके बाद बीईओ मनोजीत राव स्कूल पहुंचे और सूर्य प्रकाश को ड्यूटी पर नहीं पाया। जिस पर उन्होंने कार्रवाई के लिए बोला। बताया जा रहा है कि इस पर सूर्य प्रकाश ने ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह से बीईओ को फोन कराकर पैरवी कराया। इसे उन्होंने प्रतिष्ठा से जोड़कर प्रधानाध्यापक को फोन पर फटकार लगा दिया।
सोमवार को भी सूर्य प्रकाश ने अवकाश ले रखा था।दोपहर बाद इससे आहत होकर उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उन्हें परिवार वाले राजकीय मेडिकल लेकर पहुंचे। जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने लखनऊ रेफर किया। तड़के तीन बजे के आसपास उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। ये ख़बर यहां पहुंची तो शिक्षकों में उबाल आ गया। कुड़वार बीआरसी केंद्र पर मंगलवार दिन में शिक्षकों द्वारा श्रद्धांजिल सभा आयोजित किया गया। शिक्षक नेताओं ने बीईओ और बीएसए दीपिका चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगाए। वही मंगलवार देर शाम प्रधानाध्यापक का शव जब पैतृक गांव के पास पहुंचा तो परिवार शव को बीआरसी केंद्र पर ले जाने की कोशिश करने लगा लेकिन अधिकारियों ने उन्हें रोका और समझाया बुझाया। परिवार की ओर से सात मांगे रखी गई। दोषी बीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए। 50 लाख मुआवजा सहायता राशि दी जाए।परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के रूप में योग्यता अनुसार नौकरी दी जाए। नियमानुसार मृतक की पत्नी को सभी देयताओं को एक सप्ताह के अंदर प्रदान किया जाए। मृतक की पत्नी की पेंशन एवं ग्रेज्युटी का लाभ 15 दिवस में प्रदान किया जाए। दोषी खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव के विरुद्ध न्यायिक जांच और संपत्ति की जांच की जाए। मनोजीत राव की सेवा बर्खास्त किया जाए। ये मांग पत्र प्रशासन को सौंपा गया था। देर रात तक प्रशासन और परिवार व जनता के बीच नोक-झोक भी हुई थी।  इस बीच बुधवार को जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने प्रकरण में मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए थे। उन्होंने एसडीएम सदर सीपी पाठक को जांच सौंपते हुए 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है। वही BSA दीपिका चतुर्वेदी ने कुड़वार खंड शिक्षाधिकारी मनोजीत राव को हटाते हुए अपने कार्यालय से अटैच किया था।

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