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दूधमुंही बच्ची देखती रही डोरेमोन कार्टून, माँ का शव पहुँचा मोर्चरी


सुलतानपुर भिक्षा माँगकर गुजर बसर करने वाली मृतका 24 घण्टे बाद भी "अज्ञात" है।मंगलवार को एक सिक्योरिटी गार्ड ने अज्ञात महिला को दो वर्षीय बच्ची के साथ जिला अस्पताल कराया था भर्ती।माँ की मौत होने पर अबोध बच्ची को कोतवाली पुलिस ने पहुँचाया "बाल कल्याण समिति सुल्तानपुर।" पुलिस और समिति के लोगों ने बच्ची का ध्यान भटकाने के लिए उसे डोरेमोन का कार्टून लगाकर हाथ मे मोबाइल थमा दिया।भावुकता से भरे इस पल में बच्ची की परवरिश के लिए सरकारी मुलाजिमों ने राजधानी लखनऊ की टीम से सम्पर्क साधा । सोमेन बर्मा के निर्देश पर नगर कोतवाल श्री राम पांडेय ने पहचान के लिए दो टीमों का गठन किया।घण्टाघर चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार ने आसपास के कई थानों से सम्पर्क कर मांगा गुमशुदगी का ब्यौरा।लेकिन पहले दिन निराशा हाथ लगी।दूसरी टीम अनाथ बच्ची को लेकर पहुँची राजधानी (आश्रय केंद्र) लखनऊ।बाल कल्याण समिति सुल्तानपुर कर रही है मामले की निगरानी। सुल्तानपुर जिला अस्पताल से जैसे ही माँ की मौत की खबर बाहर आई वैसे ही अगले दिन (नाम न छापने की शर्त) दो अलग - अलग नागरिक अनाथ बच्ची को गोद लेने जिला अस्पताल पहुँच गए।लेकिन गोद लेने में कानूनी प्रक्रिया बाधा बन गयी। अब उन्हें गोद लेने के लिए लम्बी कवायद से गुजरना पड़ेगा। सुल्तानपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में सचिव/एडीजे अभिषेक सिन्हा ने मामले का लिया संज्ञान।प्राधिकरण की ओर से जिला अस्पताल में पूनम गौतम और बाल कल्याण समिति विभाग में दशरथकुमार ड्यूटी पर तत्काल लगाये गए। रोजनामचे में जो पता नोट था वह वालेंटियर्स की तस्दीक में फर्जी निकला।कुछ लोगों द्वारा  मृत महिला बल्दीराय क्षेत्र की बताई गई जो जांच में सही नही पाया गया।अनाथ बच्ची की माँ का निधन मंगलवार की रात जिला अस्पताल में हो गया था।अब क़ानूनी प्रक्रिया के मुताबिक अब शव को 72 घण्टे के लिए पहचान के लिए मोर्चरी में रखा गया है।मामले पर सीएमएस व कोतवाली पुलिस ने पहचान के लिए शोशल मीडिया का सहारा लिया है।

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