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सुलतानपुर जेल पहुंचे घूसखोर कानूनगो ,दस साल पहले महिला ने लगाया रेप का आरोप, कोर्ट में है मामला, स्थगन आदेश लेकर नौकरी में लिया राहत


सुलतानपुर जिले में एंटी करपशन टीम ने पांच दिन पूर्व कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) को 5000 रुपए रंगे हाथ घूस लेते उसे व उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था। कुड़वार थाने में उनके विरुद्ध केस दर्ज हुआ और दोनों जेल भेजे गए हैं। इसके पहले भी लेखपाल रहते हुए उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। लेखपाल रहते हुए क्षेत्र में पट्टे की जमीन की पैमाइश के नाम पर दलित महिला की अस्मत तक लूटने का उस पर आरोप लग चुका है।बीते बुधवार को अयोध्या की एंटी करपशन टीम ने कानूनगो त्रिलोकीनाथ  व उसके मुंशी  को कुड़वार कस्बे के एक चाय के होटल पर घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था। दोनों के विरुद्ध कुड़वार थाने में एंटी करपशन के प्रभारी राय साहब द्विवेदी की तहरीर पर अभियोग दर्ज हुआ और वे दोनों जेल भेजे गए। वर्ष 2014 में त्रिलोकी हलियापुर कानूनगो सर्किल में पिपरी व जरई कला के ये लेखपाल थे। उनके क्षेत्र की एक दलित महिला कृषि पट्टे की जमीन की पैमाइश व कब्जे के लिए उनसे संपर्क में आई थी। 20 अगस्त 2014 को उसने हलियापुर थाना में उनके ऊपर बलात्कार का केस दर्ज कराया था। जिसमें उसने कहा था कि कब्जे दिलाने के नाम पर उसकी इज्जत लूटी गई।हालांकि पुलिस ने कुछ गवाहों के बयान के आधार पर इनको क्लीनचिट दे दी थी। लेकिन पीड़िता ने कोर्ट में उसका विरोध किया और केस आज भी दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है। 2017 में सत्ता बदली तो फरमान जारी हुआ कि जिन विभागों में गलत आचरण वाले 50 साल के ऊपर के कर्मचारी हैं उनको आवश्यक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया जाए। उस समय जिले के 3 लेखपाल मतई राम यादव, त्रिलोकीनाथ मिश्र व राम बदन पाण्डेय को विभाग ने सेवानिवृत्त की सूची में डाला था। मतई राम के अभिलेख जमा करके उनको छुट्टी दे दी गई। लेकिन विभागीय कृपा से इन दोनों को हाईकोर्ट जाने का मौका दिया गया। जहां से स्थगन आदेश लेकर ये राहत पा गए और लेखपाली बरकरार रही। त्रिलोकी नाथ के लेखपाल रहने के दौरान भवानीगढ़ के रैंचा में बना इनका आवास चर्चा में रहता था। वही से ये अपने कारखास से शिकायत करवाते व अच्छी वसूली करते। जानकारी पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी बल्दीराय वंदना पाण्डेय ने इनके आवास पर मार्च 2022 में छापेमारी की थी। जहां पर अनेक गोपनीय सरकारी दस्तावेज भी बरामद हुए थे। हालांकि विभाग ने उसको सार्वजनिक नहीं होने दिया। लेकिन त्रिलोकी नाथ को निलंबित कर दिया गया। इसी बीच इनका नाम प्रमोशन की लिस्ट में आया तो इनको बहाल कर दिया गया।विभाग ने त्रिलोकी नाथ का कुड़वार ट्रांसफर कर दिया।

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