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सुल्तानपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी विजेंद्र सरस्वती: बोले-हिंदू सनातन धर्म ग्रंथ आचार-विचार और चरित्र का करता है मार्ग प्रशस्त, इस प्रकार इसे रखें कि किसी को ना हो कष्ट


सुल्तानपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी विजेंद्र सरस्वती: बोले-हिंदू सनातन धर्म ग्रंथ आचार-विचार और चरित्र का करता है मार्ग प्रशस्त, इस प्रकार इसे रखें कि किसी को ना हो कष्ट ।कांची कामकोटि पीठाधीपति जगदगुरु आदि शंकराचार्य स्वामी विजेंद्र सरस्वती मंगलवार देर शाम सुल्तानपुर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा गृहस्थ रहते हुए मानव को अपने सनातन धर्म की स्थापना करने वाले सभी पीठों व ज्योतिर्लिंगों का आशीर्वाद लेते रहना चाहिए। वेदत्व व्यास सबसे बड़े धर्मात्मा है हिंदू सनातन धर्म ग्रंथ ही आपके आचार-विचार और चरित्र का मार्ग प्रशस्त करता है।स्वामी विजेंद्र सरस्वती ने कहा माता-पिता को ईश्वर मानकर उनकी पूजा-अर्चना करना भी धार्मिक कार्य है। धार्मिक व्यक्ति हर प्रकार के कष्ट से दूर रहता है ईश्वर की सारी कृपा उसे प्राप्त होती है। वृक्ष लगाना, पशु-पक्षियों की सेवा करना भी सनातन धर्म के अंतर्गत आता है। हम सभी को अपना आचार-विचार इस प्रकार रखना चाहिए कि किसी के कष्ट का कारण ना बने। शहर पहुंचने पर पंडित राम शब्द मिश्रा के संयोजन में परमहंस पीठाधीश्वर सगरा आश्रम के महंत अभय चैतन्य फलाहारी स्वामी मौनी महाराज, डॉ. डीएस मिश्रा, शैलेंद्र त्रिपाठी समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनका भव्य अभिनंदन किया।

जुलूस की शक्ल में उनका काफिला सिविल लाइन स्थित कल्प वृक्ष धाम पहुंचा जहां पवित्र पारिजात वृक्ष की महा आरती में स्वामी शामिल हुए। कार्यक्रम में जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना, एसपी सोमेन बर्मा ने पहुंचकर जगतगुरु शंकराचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया। जगतगुरु ने अपने भक्तों को आशीर्वचन स्वरूप प्रसाद वितरित किया। डॉ. डीएस मिश्रा, डॉ. शांतनु मिश्रा समेत दर्जनों लोगों को अंग वस्त्र भेंट किया। अंत में आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए वह अयोध्या स्थित अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। यहां प्रमुख रूप से डॉक्टर महिमा शंकर द्विवेदी, डॉक्टर सीबीएन त्रिपाठी, नगर पालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, बलदेव सिंह, अमोल बाजपेई, रमेश सिंह टिन्नू समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे।

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