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गोमती नदी का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर


सुलतानपुर जिले के कुड़वार विकास खंड क्षेत्र  से होकर बहने वाली गोमदी नदी का जलस्तर इन दिनों लगातार बढ़ रहा है।नदी का पानी इतना ज्यादा बढ़ गया है। दर्जनों गांवों के तटवर्ती फसलों में पानी पहुंचने से किसानों की चिंता बढ़ रही है। गोमती नदी में अचानक तेज बारिश न होने के बावजूद भी जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ने के चलते क्षेत्र के तटवर्ती फसलों में पानी लगातार तेजी से बढ़ने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। खेतों में पानी घुसने से पशुओं के हरे चारे का संकट उत्पन्न हो रहा है।वहीं धान,तिल्ली, मक्का,गन्ना आदि फसलें खराब होने लगी हैं।क्षेत्र के भण्ड़रा लाला का पुरवा,तिरछे,निरसहिया आदि गांवों के तटवर्ती क्षेत्रों में फसलों की अधिक क्षति हो रही है।क्षेत्र के तिरछे गांव निवासी किसान वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से खेतों में पानी आ गया है। जिससे करीब दो बीघा मक्का, तीन बीघा तिल्ली के खेत में पानी लग रहा है। किसान शीतला प्रसाद ओझा नन्हे ने बताया करीब तीन बीघा चरी पशुओं के हरे चारे के लिए बोया था जो कि रविवार को पानी लग गया है।पशुओं के लिए हरे चारे का संकट खड़ा हो गया है।राजा गुप्ता बताते हैं कि अभी तीन चार दिन पहले गोमती में पानी नहीं था दो दिन से जलस्तर लगातार तेजी से इजाफा हो है।जिसके चलते नदी के किनारे रहने वाले गांवों के किसानों को बाढ़ का डर सताने लग रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि पीलीभीत से पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा है।शिशिर मिश्रा बताते हैं कि बरसात के मौसम में तराई क्षेत्र के निवासियों की नजर हमेशा नदी पर बनी रहती है।यही नहीं जलस्तर की नाप के लिए यहां के किसान गोमती के किनारे अपने-अपने तरीके से लकड़ी गाड़कर या कोई अन्य निशान लगाकर गोमती के बढ़ते जलस्तर का आकलन कर लेते हैं। क्षेत्र के गांवों में लोग ज्यादार दूध का काम होता है। जलस्तर बढ़ने से पशुओं के लिए हरा चारा नष्ट हो जाने से दुग्ध उत्पादन काफी प्रभावित होता है।

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