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NCERT की नकली किताबों का बड़ा खुलासा,सरगना गिरफ्तार


बरेली पुलिस ने नकली किताबों के सरगना सचिन गुप्ता को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार रात बरेली पुलिस ने एक साथ बरेली अमरोहा हापुड़ और मेरठ में दबिश दी। सचिन गुप्ता  एक पूर्व विधायक का करीबी है। आरोपी को रात में मेरठ के टीपीनगर थाने में पूछताछ की गई है।एक माह पहले बरेली के भोजीपुरा क्षेत्र में पुलिस ने नकली किताबों की फैक्ट्री पकड़ी थी। मेरठ में ढाई साल पहले भी 45 करोड़ रुपए की नकली किताबें पकड़ी गई थीं। इस मामले में भी सचिन गुप्ता और संजीव गुप्ता का नाम आया था। बाद में ये आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से स्टे ले आए। अब सचिन गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।NCERT ने भोजीपुरा थाने में 25 मार्च को अज्ञात में केस दर्ज कराया। जिसमें बताया गया कि NCERT की फर्जी किताबें छापी जा रही हैं। इस मामले में बरेली पुलिस की 2 टीमें मेरठ में आरोपियों की तलाश में लगाई गईं। इसमें सचिन गुप्ता निवासी मेरठ का नाम एक बार फिर सामने आया।बरेली में भोजीपुरा औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री में एक माह पहले NCERT की नकली किताबें पकड़ी गईं। इस मामले में पुलिस एक आरोपी को पहले ही जेल भेज चुकी है। सचिन से पूछताछ में पता चला है कि गिरोह बरेली में पार्टनरशिप में किताबें छाप रहा था। इससे पहले STF मेरठ और अमरोहा में 45 करोड़ रुपए की किताबें पकड़ी थीं।पूछताछ में सामने आया है कि बरेली के राजीव गुप्ता के बेटे सूर्य प्रकाश निवासी 37-ऑफिस एन्क्लेव विस्तार इज्जतनगर के साथ मिलकर किताबें छापी जा रही थीं। आरोपी राजीव गुप्ता ने पूछताछ में बताया था कि नकली किताब छापने में मेरठ के माधवपुरम निवासी अवनीश मित्तल की पार्टनरशिप है। साथ ही मेरठ में सचिन गुप्ता, पीयूष कंसल, सोनू और राहुल गुप्ता भी इसमें साझेदार हैं। यह फैक्ट्री पार्टनरशिप में लगाई गई।21 अगस्त 2020 को STF ने मेरठ के परतापुर, टीपीनगर के अलावा अमरोहा में NCERT की किताबों की नकली फैक्ट्री पकड़ी थीं। जहां करीब 45 करोड़ रुपए की किताबें STF ने बताई थी। उस समय पुलिस ने मेरठ और अमरोहा में 6 प्रिंटिंग प्रेस पकड़ी थीं। सचिन गुप्ता के पिता संजीव गुप्ता उस भाजपा के मेरठ महानगर उपाध्यक्ष थे, लेकिन FIR में नाम आने और मामला शासन तक पहुंचने पर पार्टी से बाहर कर दिए गए। इसमें संजीव गुप्ता विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन बाद में पार्टी ने किनारा कर लिया। भाजपा के मेरठ के एक पूर्व विधायक आरोपियों की पैरवी करते रहे।पुलिस ने रात में सचिन से पूछताछ की तो पता चला कि मेरठ में 2015 से NCERT की नकली किताबें छापी गईं। पूर्व में जब भी किताबें पकड़ी गईं तो सांठगांठ कर ली। 21 अगस्त 2020 को STF मेरठ के एडिशनल एसपी बृजेश सिंह के निर्देश पर STF ने 45 करोड़ की नकली किताबें पकड़ी।इनकी जांच के लिए मेरठ में SIT गठित की गई। उसके बाद हरियाणा में किताबें छापनी शुरू कर दी। इसके बाद हापुड़ और अब बरेली में किताबें छापी जा रही थीं। आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद मंडल के 15 जिलों में हर साल 35 से 40 करोड़ की किताबें खपाई जाती थीं। नकली किताबें NCERT की असली किताबों जैसी दिखती हैं। इनके लिए हर जिलों में दुकानदारों को 30 प्रतिशत कमीशन मिलता था।

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