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कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी


उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार शाम को नई गाइडलाइन जारी की। अब सभी पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए KGMU भेजा जाएगा। विदेश से आने वालों को कोरोना जांच करानी होगी। अगर कोई पॉजिटिव पाया गया तो 24 घंटे के अंदर कंटेक्ट ट्रेसिंग भी की जाएगी।प्रदेश में RRT यानी रैपिड रिस्पॉन्स टीम को फिर से सक्रिय किया गया है। सभी 75 जिलों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के संचालन करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मंडलायुक्त, अपर स्वास्थ्य निदेशक, जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और चीफ मेडिकल ऑफिसर को सभी लैब को सक्रिय रखने का निर्देश भी दिया है।उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 188 नए मरीज मिले हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या 1025 पहुंच गई है। 9 दिन के अंदर प्रदेश में 1420 पॉजिटिव केस आ चुके हैं।शनिवार को आई रिपोर्ट में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा मामले गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ और गाजियाबाद में हैं। गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा में 52 केस (एक्टिव-271) मिले हैं। वहीं लखनऊ में 26 (एक्टिव-175) और गाजियाबाद में 27 (एक्टिव-120) मरीज मिले हैं। इसके अलावा वाराणसी में भी 10 (एक्टिव-55) पॉजिटिव केस मिले हैं। इस दौरान 31 हजार 84 सैंपल की जांच की गई।फिलहाल प्रदेश के 61 जिले कोरोना की चपेट में हैं। जांच के लिए सभी कोविड प्रयोगशालाओं को सक्रिय करने और अस्पतालों में मास्क के प्रयोग सहित अन्य कोविड नियमों का पालन करने को कहा गया है।जिलों में बने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटरों को फिर से सक्रिय करने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्विलांस के लिए टीमें गठित करने। जिले और ब्लॉक स्तर पर बनाई गई रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT), आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम निगरानी समिति को फिर से ट्रेनिंग के लिए भी कहा गया है।आदेश के अनुसार, निगरानी समितियां लक्षण दिखने पर लोगों को मेडिकल किट का वितरण करेंगी। RRT में एक चिकित्सक अनिवार्य रूप से शामिल हो और कोरोना संक्रमित मरीज के घर जाकर उसके संपर्क में आए लोगों की 24 घंटे के भीतर जांच कराया जाए। वहीं कोरोना जांच के लिए एयरपोर्ट रेलवे व बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद 11 और 12 अप्रैल को प्रदेश भर में मॉक ड्रिल कराया जाएगा। जिसमें ऑक्सीजन प्लांट की वर्किंग कंडीशन चेक की जाएगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेट की उपलब्धता और वर्किंग देखी जाएगी। हेल्थ केयर की ड्यूटी रोस्टर की तैयारी को भी देखा जाएगा। अस्पताल में सभी लॉजिस्टिक्स सपोर्ट की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जाएगा। जिनमें दवाई आइवी फ्लूइड और इक्विपमेंट की वर्किंग को भी देखा जाएगा।

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