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मंजिल तक पहुंचने में मदद करती है पुस्तकें-विनोद सिंह

 


सुलतानपुर  पुस्तकें हमें मंजिल तक पहुंचने में मदद करती हैं। अनेक लोगों की तरह किताबों ने मुझे भी रास्ता दिखाया है। इस डिजिटल युग में राणा प्रताप पीजी कालेज ने पुस्तक प्रदर्शनी लगाने की जो शृंखला शुरू की है वह अनुकरणीय है।' यह बातें विधानसभा सदस्य विनोद सिंह ने कहीं। वह क्षत्रिय भवन सभागार में राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय व राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा संचालित सात दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।इस अवसर पर 'डिजिटल दौर में पुस्तकें' विषय पर संगोष्ठी हुई ।अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल नयन पाण्डेय ने कहा कि पुस्तकें हमें सटीक और प्रामाणिक ज्ञान देती हैं।

पुस्तकों से मनुष्य के भीतर जो आत्मीयता और श्रद्धा पैदा होती है वह डिजिटल उपकरणों से सम्भव नहीं है। पुस्तकें परम्परा, संस्कृति से हमें जोड़ती हैं। कम्प्यूटर या स्क्रीन से पढ़ने पर हमारा मस्तिष्क जागृत नहीं हो पाता जबकि किताबें मस्तिष्क को जागरूक करती हैं। विशिष्ट अतिथि पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह ने कहा कि डिजिटल दौर ने पुस्तकों के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। स्वागत करते हुए पुस्तक प्रदर्शनी के संयोजक व प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बाईस दिसम्बर तक चलने वाली यह पुस्तक प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक रहेगी।  

समारोह का संचालन पुस्तक प्रदर्शनी के सह संयोजक असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि व आभार ज्ञापन हिन्दी विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने किया। इस अवसर पर सरदार बलदेव सिंह, प्रोफेसर नीलम तिवारी, डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी सोमेश शेखर व एन पी शुक्ल समेत प्रमुख साहित्यकार, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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