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निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई,आरक्षण पर फैसला के लिए डेडिकेटेड कमीशन बनाने की मांग


लखनऊ उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में जनहित याचिकाओं पर आज सुनवाई चल रही है। निकाय चुनाव में रिजर्वेशन को लेकर शुरू हुई सुनवाई में सबसे पहले याचिकाकर्ता की वकील एलपी मिश्रा ने अपना पक्ष रखना शुरू किया। वकील ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जो किया गया है वह राजनीतिक रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है। एक डेडीकेशन कमीशन बनाया जाए जो आरक्षण को लेकर फैसला करे। मौजूदा आरक्षण प्रणाली से पिछड़ा वर्ग के साथ न्याय नहीं हो रहा है।याचिकाकर्ता की वकील ने सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार-2021 केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश विस्तार से पढ़कर जज के सामने सुनाया। जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ने के बाद आगे की सुनवाई शुरू की।डेडीकेटेड आयोग पर सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका रैपिड सर्वे डेडीकेटेड आयोग द्वारा किए गए ट्रिपल टेस्ट जैसा ही है। याचिकाकर्ता के पक्ष पर सरकारी वकील ने कहा कि महिला आरक्षण को होरिजेंटल आरक्षण बताया गया। फिर जज ने कहा इस इंडिविजुअल केस को अलग से सुना जाएगा, आज केवल ओबीसी रिजर्वेशन पर बात सुनी जाएगी।शुक्रवार को भी निकाय चुनाव पर सुनवाई हुई। समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। शीतकालीन अवकाश को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति या वरिष्ठ न्यायाधीश से जरूरी अनुमति लेकर इस मामले को 24 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।वैभव पांडे के अलावा 51 याचिकाएं वार्ड आरक्षण को लेकर दाखिल की जा चुकी हैं। फिलहाल अधिवक्ताओं का यह मानना है कि सभी याचिकाएं एक ही जैसे मुद्दों की आपत्तियों पर हैं। इसलिए इसको एक साथ ही सुना जा रहा है।

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