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निकाय चुनाव की घोषणा 15 के बाद संभव


लखनऊ प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा 15 दिसंबर के बाद की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग को नगर विकास विभाग की ओर से निकायों के वार्ड, महापौर और निकाय अध्यक्षों का आरक्षण निर्धारण का इंतजार है।आयोग सूत्रों के मुताबिक नगर विकास विभाग की ओर से 14 दिसंबर तक आरक्षण का निर्धारण कर रिपोर्ट आयोग को दी जाएगी। उसके बाद आयोग दो से तीन चरणों में चुनाव कराने को लेकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चर्चा करेगा ताकि चुनाव के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो सके। आयोग को चुनाव कार्यक्रम जारी करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। आयोग के विशेष कार्याधिकारी एस.के. सिंह का कहना है कि आरक्षण निर्धारण होने के बाद आयोग को चुनाव कार्यक्रम तैयार करने और उस पर उच्च स्तरीय विचार विमर्श जारी करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए। चुनाव संपन्न होने में भी 30 से 35 दिन का समय चाहिए। ऐसे में चुनाव की घोषणा 15 दिसंबर के बाद होने की संभावना जताई जा रही है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा प्रदेश के नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पर सोमवार को लगाई गई रोक कल तक जारी रहेगी। नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में प्रक्रिया का पालन न करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाते हुए दाखिल जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब देने के लिए एक दिन का और समय देने की मांग की गई थी जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया।इससे पहले प्रदेश सरकार ने 762 में 760 नगर निकायों में महापौर और चेयरमैन के सीटों के आरक्षण की अनंनतिम अधिसूचना जारी कर दी है। इनमें 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 199 नगर पालिका परिषद और और 544 नगर पंचायतों के चेयरमैन की सीटें शामिल हैं। हालांकि आरक्षण सभी 762 नगर निकायों के लिए निर्धारित कर दिए गए हैं। लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद समेत महापौर की आठ सीटों को अनारक्षित रखा गया है। 2017 में ये तीनों सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। 

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