ब्रेकिंग न्यूज

आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में अब पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली


लखनऊ योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के तीन जिलों गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा को कमिश्नरेट बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इन तीनों ही महानगरों में जल्द ही पुलिस कमिश्नर की तैनाती की जाएगी। योगी सरकार ने इससे पहले देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर  और प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी। उल्लेखनीय है कि विभिन्न सरकारी समितियों ने ऐसे शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की वकालत की है, जहां जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और वहां की कुल जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है।
मंत्रिपरिषद के निर्णयों से अवगत कराते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इन तीनों महानगरों को सीआरपीसी के नियमों के अनुसार पहले मेट्रोपोलिटन एरिया के तौर पर घोषित किया जाएगा। फिर अन्य जनपदों की तरह संपूर्ण जनपद क्षेत्र में कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो जाएगी। जनपद आगरा को जनसंख्या और क्षेत्रफल में वृद्धि, पर्यटन नगरी, औद्योगिक क्षेत्र और कानून व्यवस्था की दृष्टि से उपयुक्त पाया गया कि वहां कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की जाए। इस जनपद की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 44 लाख 18 हजार 797 थी। इसी प्रकार गाजियाबाद में बदली हुई औद्योगिक परिस्थितियों, एनसीआर क्षेत्र, आपराधिक और कानून व्यवस्था के दृष्टिगत इसे भी पुलिस कमिश्नरेट में तब्दील करने का निर्णय लिया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की जनसंख्या 46 लाख 61 हजार 452 है। वहीं, प्रयागराज धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी है। 2025 में यहां महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी बातों के साथ ही वहां की कानून व्यवस्था, जनसंख्या, संगठित अपराध को देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रयागराज की जनसंख्या 59 लाख 54 हजार से अधिक है।  योगी सरकार अब तक तीन चरणों में 7 महानगरों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू कर चुकी है। सबसे पहले 13 जनवरी 2020 को उत्तर प्रदेश में लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू किया गया था। लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। इसके उपरांत 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। कानपुर में असीम अरुण और वाराणसी में ए सतीश गणेश को पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। अब योगी सरकार ने तीसरे चरण में 3 शहरों में आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू किया है।  मंत्रिपरिषद की बैठक में परिवहन विभाग से जुड़े तीन अहम प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत पीपीपी मॉडल पर प्रदेश के 23 बड़े शहरों में हवाई अड्डों की तर्ज पर बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में लखनऊ के 2 बस अड्डे, आगरा के 2, प्रयागराज के 2, वाराणसी के 1, गोरखपुर और कानपुर के 1 बस अड्डे शामिल हैं। इन बस अड्डों में यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, मॉल, शौंचालय, कॉमन रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। पहले चरण के बाद प्रदेश के सभी 75 जनपदों में बस अड्डों को इसी तर्ज पर संवारा जाएगा। प्रदेश में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके तहत बनारस से बलिया तक 15 जेटी का निर्माण किया जाएगा। इससे न सिर्फ लोग सस्ते में यात्रा कर पाएंगे, बल्कि किसान अपने उत्पादों को भी अलग-अलग शहरों में भेज सकेंगे। चंदौली जनपद में एक जेटी बन रही है, जहां रेलवे, एयरपोर्ट और बस-ट्रांसपोर्ट समेत तीनों माल परिवहन की सुविधा मिलेगी।इसके अलावा, परिवहन विभाग की स्क्रैप पॉलिसी को भी मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई। इसके अंतर्गत अब सिर्फ लाइसेंसधारी संस्थाएं ही गाड़ियों के स्क्रैप का इस्तेमाल कर सकेंगी। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में देने वालों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। कॉमर्शियल वाहनों को स्क्रैप में देने पर 15 प्रतिशत टैक्स में छूट मिलेगी जबकि प्राइवेट गाड़ियों को 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। अब तक महिंद्रा और मारूति समेत 6 कंपनियों को लाइसेंस जारी किया गया है। 5 अन्य कंपनियों पर भी विचार हो रहा है। हर जिले में स्क्रैप सेंटर बनाने की योजना है। 

कोई टिप्पणी नहीं