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हत्या कर 12 घंटे तक घर में रखी बेटी की लाश, रात के अंधेरे में एक्सप्रेसवे पर लगाया ठिकाने


लखनऊ BCA की छात्रा आयुषी की गोली मारकर हत्या की गई फिर उसके शव को यमुना एक्सप्रेस की सर्विस रोड पर ट्रॉली बैग में पैक कर फेंक दिया गया। इस मामले में घर वालों ने बेटी की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं कराई थी। जब पुलिस मृत छात्रा के घर पहुंची तो उसका पिता वह नहीं था। बाद में पुलिस ने उसे खोज लिया।

रविवार देर रात पूछताछ में जब पिता ने बेटी की हत्या करने की बात कबूल की तो पुलिस के लिए हत्या से जुड़े साक्ष्य एकत्र करने में आसानी हो गई। देर रात ही पुलिस की टीम हत्या स्थल और लाश को ले जाने में इस्तेमाल की गई कार जिस हथियार से गोली चलाई गई थी उसे अपने कब्जे में लेने आदि कार्य में जुट गई। 18 नवंबर की सुबह यमुना एक्सप्रेस की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में ट्रॉली बैग मिला था।

ट्रॉली बैग में युवती की लाश थी। इसके 48 घंटे में ही पुलिस मृतका के घर तक पहुंच गई। मृतका की पहचान रविवार की देर शाम मां और भाई ने की। खास बात यह भी है कि आयुषी 17 नवंबर को ही लापता हो गई थी इसकी कहीं भी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई थी। वहीं हत्या के बाद पिता भी घर से कहीं चला गया था। आयुषी का भरतपुर के रहने वाले एक लड़के से अफेयर था। यह लड़का उसके सहपाठी का रिश्तेदार है। माता-पिता खिलाफ थे। इसी बात पर 17 नवंबर को दोपहर आयुषी का मां से झगड़ा हुआ। मां ने पिता को इसकी सूचना दी। नाराज पिता घर आए। उन्होंने आयुषी को समझाया। 
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लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। गुस्से में आए पिता ने  रिवॉल्वर से सीने में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।पुलिस अफसरों ने बताया कि पूछताछ के दौरान माता-पिता दोनों रोते रहे। उन्होंने बताया कि जो कुछ हुआ सब एकाएक और गुस्से में हुआ। पिता ने पूछताछ में बताया कि बेटी जलील करती थी। उसे कई बार समझाया। लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी।17 नवंबर को मां से झगड़ा होने के बाद पिता ने आयुषी की हत्या की थी। दोपहर में उसकी लाश को सूटकेस में पैक किया। फिर अंधेरा होते ही कार में सूटकेस को रखा और 150 किमी. दूर मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया। 18 की सुबह सूटकेस में पैक आयुषी की लाश मिली थी।आयुषी BCA में पढ़ रही थी। पहचान करते समय मां और भाई की आंखों में आंसू आ गए। वह एक-दूसरे के गले मिलकर रोने लगे। ब्रजवाला की एक ही बेटी आयुषी थी और एक छोटा बेटा आयुष है। आयुषी हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी पुलिस खुद परिवार तक पहुंची। यानी परिवार ने पुलिस को आयुषी के लापता होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। न ही गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

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