सुलतानपुर में दुर्गा पूजा महोत्सव की रौनक को बरसात ने किया फीका
सुलतानपुर जिले के ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की रौनक को बरसात ने फीका कर दिया है। बुधवार को दिन भर और शुक्रवार की शाम हुई बारिश से पूजा समितियों का खासा नुकसान हुआ है। बृहस्पतिवार को महोत्सव में कुछ रौनक रही। देवी प्रतिमाओं को बारिश से बचाने के लिए पूजा समितियों की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में एक माह से देवी पंडालों की सजावट का कार्य चल रहा था। कोलकाता व झारखंड से आए कारीगरों ने विभिन्न देव स्थलों के पंडाल सजाए। शारदीय नवरात्रि के महानवमी तक सब कुछ ठीक ठाक रहा। विजयदशमी को एकाएक मौसम ने करवट ली और पूरे दिन और रात में भी झमाझम बारिश हुई। बुधवार को हुई तेज बरसात ने शहर के दुर्गा पूजा महोत्सव की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कई स्वयंसेवी संगठनों व पूजा समितियों की ओर से विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई थी।बारिश के चलते गांव-गिराव के श्रद्धालु शहर के दुर्गा पूजा महोत्सव में नहीं पहुंच सके। इसके चलते सबसे ज्यादा नुकसान बनाए गए प्रसाद का हुआ।
बृहस्पतिवार को भी दिन भर बादल छाए रहे। शाम को बारिश नहीं होने से दुर्गा पूजा महोत्सव में रौनक रही। फिर भी दूर-दराज से आने वाले लोग नहीं पहुंच सके। शुक्रवार को दिन भर मौसम साफ रहा और धूप भी निकल आई थी। एकाएक शाम को बारिश होने लगी। महोत्सव को आकर्षक बनाने के लिए इस बार देश-विदेश के मंदिरों के स्वरूप में पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पंडालों की शोभा बढ़ाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए और आकर्षक लाइटें लगाई गईं थीं। दशहरे के दिन से शुरू होने वाले महोत्सव का पहला दिन ही खराब मौसम की भेंट चढ़ गया। बारिश व तेज हवा ने कई पंडालों का स्वरूप बिगाड़ दिया। पूजा समिति के पदाधिकारियों की मानें तो मौसम के खराब रहने तक देवी प्रतिमाओं को पॉलिथीन लगाकर सुरक्षित रखा जाएगा। पूजा समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आज और कल बारिश नहीं होता है तो मेले में भीड़ रहेगा।
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