ब्रेकिंग न्यूज

45 जिलों में भारी बरसात का अलर्ट


लखनऊ उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। रविवार को प्रदेश भर में बाढ़ और बारिश सहित कई घटनाओं में 34 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ का खतरा कई और जिलों को अपनी जद में लेगा, ऐसी आशंका है। इसी आशंका के मद्देनजर शासन की ओर से लखनऊ समेत 45 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ सहित राज्य के कई जिलों में आज स्कूल बंद रखने के आदेश भी स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए गए हैं। बारिश फिलहाल चिंता बढ़ाती रहेगी। मौसम विभाग ने रविवार को फिर कई जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। बरसात तो पूरे प्रदेश में होने के आसार हैं, लेकिन मुरादाबाद, रामपुर, बरेली व आसपास के इलाकों में भारी से ज्यादा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लखनऊ समेत प्रदेश में कई जिलों में दस और 11 अक्टूबर को स्कूल बंद रखने के डीएम ने निर्देश जारी किए हैं।मौसम बुलेटिन के मुताबिक, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, कांशीरमनगर समेत 40 से अधिक जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां पर भारी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। वहीं ललितपुर, वाराणसी, प्रयागरजा, सोनभद्र आदि इलाकों को चेतावनी से दूर रखते हुए बारिश के आसार जताए गए हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक, मेरठ और अलीगढ़ में तेज बारिश हुई। यहां पर 48 मिमी से ज्यादा बरसात रिकॉर्ड की गई  है। लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा में डीएम ने दस अक्टूबर को सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। मौसम विभाग की ओर से सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों को भी अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देर रात इसे लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने निर्देश दिया कि अलर्ट को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी अधिकारी, मेडिकल कॉलेज, संस्थान, अस्पताल, सीएमओ, डॉक्टर्स एवं सभी संबंधित स्टॉफ आपातकालीन सेवा हेतु तैयार रहे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित करें। जनहानि पर शासन से अनुमन्य राहत राशि पीड़ित परिवार को शीघ्र दें। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा स्थानीय स्तर पर भी टीमों को अलर्ट किया जाए। विभागीय मंत्री भी भौतिक निरीक्षण करें। राजस्व टीमें फसलों के नुकसान का आकलन करें। किसानों की मदद के लिए सरकार तैयार है।  

कोई टिप्पणी नहीं