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UP में अच्छे और खराब अफसरों की तैयार हो रही है गोपनीय रिपोर्ट

 


लखनऊ गुड गवर्नेंस के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर अब शासन से लेकर तहसील व थानों तक पर है। उनकी गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जा रही है। जनसुनवाई समाधान प्रणाली IGRS और CM हेल्पलाइन 1076 में आने वाली शिकायतों के निस्तारण के आधार पर हर माह मुख्यमंत्री  योगी को गोपनीय रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसमें काम के आधार पर 10 अच्छे व 10 खराब की रैंकिंग तैयार की जा रही है।यही नहीं शासन स्तर के विभागों और फील्ड में तैनात कमिश्नरों DM विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त की रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री  को भेजी जा रही है। इसी तरह पुलिस में ADG, IG, DIG, पुलिस आयुक्त, SSP और SP की भी रिपोर्ट अलग से दी जा रही है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि गुड गवर्नेंस के लिहाज से मुख्यमंत्री  खुद विभिन्न विभागों के कार्यकलापों, अफसरों की परफार्मेंस और जन समस्याओं के निस्तारण आदि की निगरानी कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने जिले स्तर पर तैनात अफसरों को निर्देश दिए हैं कि तहसील, थाना और ब्लॉक स्तर पर ही शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। इससे आम लोगों को दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी। शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही शिकायत की गुणवत्ता का आधार मानी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने IGRS और 1076 हेल्पलाइन पर एक ही शिकायत बार-बार आने और जिले की निम्न स्तरीय शिकायतें भी शासन स्तर तक आने पर कई बार नाराजगी जाहिर की है। मुख्यमंत्री  योगी के निर्देश पर अच्छा काम करने वाले और शासन की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने वाले विभागों व अफसरों की फेहरिस्त तैयार कराई जा रही है। इसका मूल्यांकन करने के बाद शासन की मंशा के अनुसार काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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