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खैराबाद में निकला इमामे सज्जाद की याद में जुलूस, अंजुमन ने पेश किया नौहा-मातम


सुलतानपुर शहर के खैराबाद स्थित इमामबाड़ा बेगम हुसैन अकबर साहब मरहूम में इमामे सज्जाद की याद में जुलूस निकाला गया। जुलूस की मजलिस को मौलाना आसिफ नकवी बुकनाला सादात ने खिताब किया। जुलूस में अंजुमन गुंचए मजलूमिया ने नौहाख्वानी और सीनाज़नी पेश किया। मौलाना ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि इमामे सज्जाद के हाथों में हथकड़ी व पैरों में बेड़ियां थी। बावजूद इसके 56 मुल्कों पर हुकूमत करने वाले यज़ीद की आंखों में आंखें डालकर उन्होंने उसके ही दरबार में खुतबा दिया।मौलाना ने आगे कहा कि हमें इमामे सज्जाद की सीरत से सबक मिलता है कि जुल्म के खिलाफ हमें खामोश नहीं होना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि शहादते इमामे हुसैन से पहले यजीद शाम में रहकर मदीने में इमामे हुसैन से बैयत मंगवाने के लिए आदमी भेजता है लेकिन शहादते इमामे हुसैन के बाद इमामे सज्जाद एक साल यजीद के कैदखाने में रहे लेकिन यज़ीद बैयत नहीं मांग सका। मौलाना ने कहा कि यजीद का मकसद नामे अली को मिटाना था लेकिन नामे अली यजीद के दरबार में भी जिंदा रहा और आज भी जिंदा है। मौलाना ने कहा कि आज हर जगह नामे हुसैन भी लिया जा रहा है नामे सज्जाद भी लिया जा रहा है ये सबसे बड़ी हुसैन की फतह है। जुलूस में शेर अली व जाहिद इमाम ने पेशखानी व आफताब ने सोजखानी के फराएज अंजाम दिए।हाजी मुजाहिद अकबर, जैगम रसूल नकवी, आसिम सज्जाद, आलम रिजवी, जैगम, शाहिद अकबर आदि मौजूद रहे। ये जानकारी शिया कमेटी के अजादार हुसैन ने दी।

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