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पैर गंदे न हो जाएं, इसलिए शिक्षिका ने बच्चों से पानी में बनवाया कुर्सियों का पुल

 


लखनऊ बारिश होते ही दावों की पोल खुल जाती है। शहर में ही नहीं अब देहात-कस्बों में भी लोगों को जलभराव की समस्या जूझना पड़ता है। सरकारी स्कूल भी जलभराव की समस्या से अछूते नहीं है, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है। मथुरा जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बारिश के पानी का निकास न होने के कारण प्राथमिक विद्यालय तालाब में तब्दील हो गया।

इससे बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत हुईं। शिक्षक भी परेशान हुए, लेकिन एक शिक्षिका ने पैर गंदे न हों, इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों से कुर्सियों का पुल बनवाया। कुर्सियों के ऊपर पैर रखकर शिक्षिका स्कूल के गेट से बरामदे तक पहुंचीं। यह मामला विकास खंड बलदेव की ग्राम पंचायत दघेटा के प्राथमिक विद्यालय का है। इसका वीडियो सामने आया है।
 

मंगलवार की सुबह से बरसात होने पर स्कूल परिसर में पानी भर गया। पूरा परिसर तालाब जैसा नजर आने लगा। छात्र-छात्राएं बारिश के पानी से गुजर कर अपनी कक्षाओं तक पहुंचे, लेकिन एक शिक्षिका ने बच्चों से स्कूल की कुर्सियां पानी में रखवाईं, जिन पर पैर रखकर वह बरामद तक पहुंचीं। इस संबंध में जब प्रधानाध्यापिका सुजाता सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका को स्किन एलर्जी है, जिसकी वजह से उन्होंने बच्चों से कुर्सियां रखवाई थीं। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि स्कूल के सामने सड़क को बनाया जा रहा है। मिट्टी डालकर सड़क को ऊंचा कर दिया गया है, जिससे स्कूल परिसर नीचे हो गया है। नालियां भी बंद हो गईं हैं। जिसकी वजह से पानी निकलना बंद हो गया है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बलदेव एवं शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि स्कूल में 222 छात्र-छात्राएं हैं। मंगलवार को जब स्कूल परिसर में पानी भर गया तो छोटे बच्चों को घर वापस भेजना पड़ा। बड़े बच्चों को पढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि स्कूल में पानी भरा रहने से बीमारियों फैलाने का खतरा पैदा हो गया है। 

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