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गूगल-पे, फोन-पे और चेक से रिश्वत , तहसीलदार का ड्राइवर ओवरलोड ट्रकों से लेता था पैसे


लखनऊ डिजिटल की दुुनिया में आजकल हर काम आनलाइन हो रहे हैं। किसी को भी पेमेंट करना हो तो सेकेंडों में हो जाता है। बिजनौर जिले में एक मामला सामने आया जिसमें तहसीलदार का ड्राइवर माफिया से गूगल पे, फोन पे, पेटीएम के माध्यम से रिश्वत लेता था। रिश्वत के पैसे वह अपने अकाउंट में ट्रांसफर भी नहीं कराता था। इसके लिए वह अपनी पत्नी के अकाउंट का उपयोग करता था। तहसीलदार ने मामले में संज्ञान लेते हुए ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया  है।दरअसल, जैसे जैसे ज़माना हाई टेक हो रहा है वैसे वैसे सरकारी कर्मचारी रिश्वत भी अब नई तकनीक से लेते हुए नजर आ रहे हैं। ताज़ा मामला बिजनौर के धामपुर इलाके का जहां पर खनन माफिया से सांठगांठ के आरोपों के चलते सुर्खियों में आए तहसीलदार के ड्राइवर द्वारा खनन माफिया से पिछले 2 वर्षों से वसूली गई लाखों रुपए की धनराशि को पत्नी के बैंक खाते में जमा कर रहा था।इतना ही नहीं तहसीलदार के ड्राइवर ने खनन माफियाओं से ईमानदारी से संबंध निभाते हुए ऑनलाइन गूगल पे, फोन पे, पेटीएम एवं चेक के माध्यम से भी सुविधा शुल्क वसूल कर ओवरलोड खनन माफियाओं की गाड़ी की एंट्री अपने पास दर्ज कर ली। अब जांच में फंसे शातिर ड्राइवर के कारनामे धीरे-धीरे खुलते नज़र आ रहे है।धामपुर तहसीलदार के सरकारी गाड़ी पर नदीम अहमद पिछले करीब 3 वर्षों से चालक के पद पर कार्यरत है। बताया जाता है कि खनन माफियाओं के संबंध तहसीलदार के ड्राइवर नदीम से इतने मधुर हो गए कि खनन माफियाओं ने बड़े बड़े अधिकारियों को दी जाने वाली सुविधा शुल्क की धनराशि चालक नदीम की पत्नी शहाना तथा नदीम के संयुक्त धामपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक खाते में पिछले 2 वर्षों से जमा कर रहे थे। इतना ही नहीं खनन माफियाओं तथा ड्राइवर के बीच इतने मधुर व गहरे संबंध स्थापित हो गए कि रिश्वत का पैसा चेक के माध्यम से भी कई बार लिया गया।नदीम ओवरलोड खनन गाड़ियों की प्रति माह एंट्री कराने के बदले खनन वालो से ढाई हजार रुपये प्रति गाड़ी के हिसाब से वसूली होती थी। खनन माफियाओं से मिलने वाली सुविधा शुल्क के बदले ड्राइवर द्वारा जब कभी भी उच्च अधिकारियों का दबाव तथा छापेमारी होने से पहले सतर्क कर देता था। खनन माफिया तय बंधी बंधाई रकम देने के बाद बेखौफ होकर ओवरलोड वाहन दिन-रात ज़िले की सड़कों पर दौड़ा रहे थे। तहसीलदार के ड्राइवर तथा उसकी पत्नी के बैंक खाते में विगत 2 वर्षों में ही लगभग 21 लाख रुपए की धनराशि का लेनदेन सामने आने पर हड़कंप मचा हुआ है।तहसीलदार कमलेश कुमार जब भी कभी छापेमारी करने जाते तो वह ड्राइवर नदीम के स्थान पर किसी अन्य कर्मचारी के साथ निकल पड़ते थे। तहसीलदार की छापेमारी की भनक ड्राइवर को नहीं लग पा रही थी जिस कारण वह खनन माफियाओं को सतर्क नहीं कर पा रहा था, और पिछले 10 दिन से लगातार बड़ी संख्या में ओवरलोड खनन से भरे कई डंपर को तहसीलदार द्वारा कार्रवाई की जा रही थी।तहसीलदार द्वारा खनन माफियाओं पर की जा रही कार्रवाई से खनन माफियाओं के होश उड़ गए। बताया जाता है कि खनन वालो द्वारा तहसीलदार को अपने बयानों में ड्राइवर नदीम द्वारा प्रति गाड़ी सुविधा शुल्क देने के बाबत जानकारी दी गई तो उन्होंने पूरे मामले की पड़ताल की जिसमें ड्राइवर नदीम पर लगे आरोपों की पुष्टि होना पाया गया। इसी के चलते तहसीलदार कमलेश कुमार द्वारा ड्राइवर नदीम के निलंबन की संस्कृति कर दी गई।उधर धामपुर तहसीलदार कमलेश कुमार का कहना है कि आरोपी ड्राइवर नदीम तथा उसकी पत्नी के संयुक्त बैंक खाते में पिछले 2 वर्षों में ही 21 लाख रुपए जमा होना पाया गया हैं। इसमें कुछ रुपए उसकी सैलरी अकाउंट से भी ट्रांसफर हुए हैं। उन्होंने बताया कि नदीम तथा उसकी पत्नी के संयुक्त पंजाब नेशनल बैंक के खाते का स्टेटमेंट निकलवा कर गहनता से जांच की जा रही है। उन्होंने आरोपी ड्राइवर के निलंबन की संस्तुति कर दी है।

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