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अमेठी जिले के निरीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट,क्राइम ब्रांच में है तैनाती,कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का दिया आदेश


सुल्तानपुर। 14 वर्षीय किशोरी के गूंगी-बहरी होने का नजायज फायदा उठाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देकर उसे प्रेग्नेंट करने के आरोप से जुड़े मामले में कई पेशियों से साक्ष्य देने में लापरवाही बरतने वाले क्राइम ब्रांच-अमेठी में तैनात निरीक्षक के खिलाफ स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने निरीक्षक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उनके वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने पुलिस अधीक्षक अमेठी को निरीक्षक भूपेंद्र को 21 जून की तारीख के लिए सभी प्रभार से मुक्त करते हुए साक्ष्य के लिए पेश कराने का आदेश दिया है।मामला जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। जहां के रहने वाले आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ 14 वर्षीय पीड़िता किशोरी के पिता ने गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी बेटी की तबियत काफी दिनों से खराब चल रही थी, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। फिलहाल पीड़िता गूंगी-बहरी होने के कारण अपने साथ वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी का नाम बोलकर नहीं बता सकती थी, लेकिन परिजनों के जरिये पूंछने पर उसने लिख कर आरोपी की पहचान बताई और उसकी फोटो भी देखकर  पुष्टि की। इस मामले में आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और आरोप-पत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चल रहा है। मामले में बीते नौ मई को तत्कालीन जयसिंहपुर कोतवाल भूपेंद्र सिंह को साक्ष्य के लिए तलब किया गया था, जिन्होंने उस दिन अपना मुख्य बयान दर्ज कराया,लेकिन उनकी जिरह शेष रह गई थी। तब से करीब पांच पेशियों से वह लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं, जबकि अदालत से उनके खिलाफ बीडब्ल्यू एवं एनबीडब्ल्यू की कार्रवाई भी जारी की गई। मिली जानकारी के मुताबिक भूपेंद्र सिंह मौजूदा समय में अमेठी जिले में क्राइम ब्रांच में निरीक्षक पद पर तैनात है, जिनकी इस लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोकने का आदेश दिया है। वहीं पुलिस अधीक्षक को इस मुकदमे में 21 जून के लिए भूपेंद्र सिंह को गवाही के लिए पेश कराने का आदेश देते बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कोर्ट के इस कड़े रुख से पूर्व नगर कोतवाल भूपेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है।

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