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सात वर्षीय मासूम को हबस का शिकार बनाने के दोषी को उम्र-कैद व 52 हजार का अर्थदंड


सुलतानपुर। सात वर्षीय मासूम को हबस का शिकार बनाने के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया है। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी श्यामलाल मौर्य को ताउम्र कठोर कारावास की सजा काटने एवं 52 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।  मालूम हो कि सात वर्षीय मासूम के दादा ने 18 फरवरी 2020 को हुई घटना का जिक्र करते हुए जगदीशपुर थाना क्षेत्र स्थित पूरबगांव निवासी आरोपी श्यामलाल मौर्य के खिलाफ़ घर मे अकेला पाकर अपनी सात वर्षीय मासूम नतिनी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। मामले में आरोपी श्यामलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई और विवेचक ने तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया। सात नवम्बर 2020 को कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चार्ज-फ्रेम कर मामले का ट्रायल शुरू किया। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सों एक्ट की अदालत में चला। मालूम हो कि घटना के बाद श्यामलाल जेल भेजा गया,जिसे काफी प्रयासों व पैरवी के बाद भी जमानत ही नहीं मिल सकी और इधर ट्रायल पूरा भी हो गया। ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी ने अभियोजन गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी श्यामलाल मौर्य को घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी श्यामलाल को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा भुगतने एवं 52 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड के धनराशि की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है।

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