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पुलिस की थर्ड डिग्री का मामला, कुड़वार पुलिस ने 5वें दिन अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया चोरी का केस, SO समेत दो सिपाही सस्पेंड

 


सुल्तानपुर जिले में कुड़वार में 17 जून को 11 बजे ग्रामीण बैंक से 40 हजार की टप्पेबाजी होती है। CCTV के आधार पर लगभग दो घंटे बाद थाने के सिपाही क्षेत्र के एक वीडियो मिक्सिंग लैब पर पहुंचते हैं। संदेह के आधार पर एक 55 साल के व्यक्ति से पूछताछ कर उसकी तलाशी लेते हैं। पीड़ित को बुलाकर पहचान कराते हैं जिसने पहचान से इनकार किया। इसके बाद सिपाही उसे थाने लेकर आते हैं। जहां रात 8:30 बजे जो बर्बता हुई उसका साक्ष्य उसके शरीर पर पड़े निशान हैं। अंत में दूसरे दिन पुलिस उसका 151 में चालान करती है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद जब 21 जून को पुलिस बर्बरता का मामला तूल पकड़ता है तो पांचवें दिन 6:30 बजे टप्पेबाजी के शिकार बुजुर्ग की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध चोरी का मुकदमा दर्ज होता है। फिलहाल मामले में SO और दो सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक ने सस्पेंड किया है।दरअस्ल 17 जून को कुड़वार थाना क्षेत्र के बाजार स्थित ग्रामीण बैंक में क्षेत्र के ही बहुबरा गांव के रहने वाले बुजुर्ग विश्राम से एक अज्ञात व्यक्ति ने 40 हजार रुपयों की टप्पेबाजी कर ली थी। विश्राम इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो हरकत में आई पुलिस ने CCTV के आधार पर पड़ताल शुरू किया। इस दौरान बाजार में ही एक वीडियो मिक्सिंग लैब में सिपाहियों ने बल्दीराय ब्लॉक के पूरे नेवल निवासी कालीचरण को देखा तो उसकी शक्ल बिल्कुल विश्राम के साथ रहने वाले उसी व्यक्ति की तरह लगी। संदेह की बुनियाद पर सिपाहियों ने उसे हिरासत में ले लिया और थाने लाकर पूछताछ करने लगे। आरोप है कि पूछताछ के दौरान ही पुलिस कर्मियों ने कालीचरण की पिटाई कर दी। जिसके चलते उसके हाथ की हड्डी टूट गई, शरीर पर कई जगह थर्ड डिग्री के निशान हैं।पुलिस ने अगले दिन उसका चालान कर दिया गया। इसके बाद कालीचरण इलाज करने जिला अस्पताल पहुंचा और उसका वहां इलाज शुरू हुआ। अस्पताल से ही उसने जिलाधिकारी से शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है। उधर इस मामले में आज DIG/SP डॉ. विपिन मिश्रा के निर्देश पर ASP विपुल श्रीवास्तव व CO सिटी डॉ. राघवेंद्र चतुर्वेदी ने थाने पहुंचकर जांच पड़ताल किया है। लेकिन यहां कई सारे सवाल खड़े हो गए हैं। अगर कालीचरण ही ने घटना कारित किया तो पुलिस ने चोरी के बजाए उसका 151 में चालान क्यों किया। जब पुलिस के पास 17 जून को ही शिकायत पहुंच गई थी और पुलिस उस आधार पर जांच कर रही थी तो मुकदमा दर्ज करने में उसे पांच दिन क्यों लग गए। अगर कालीचरण सही कह रहा है तो फिर घटना को अंजाम देने वाला वो शख्स है कौन। यह वो सवाल हैं जिसका जवाब सिर्फ पुलिस ही दे सकती है।वैसे कुड़वार थाने में पुलिस बर्बरता का यह पहला और नया मामला नहीं है। साल 2021 में 3 जून को भी थाने के लॉकअप में बंदी राजेश कोरी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। पुलिस कर्मी उसे CHC कुड़वार फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में SP डॉ. विपिन मिश्रा ने लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन SO अरविंद पांडे, दरोगा शस्त्रजीत प्रसाद, मुख्य आरक्षी बृजेश कुमार सिंह को निलंबित किया था। साथ ही पहरे पर तैनात होमगार्ड भोलेन्द्र के विरूद्ध कार्रवाई के लिए जिला कमांडेंट होमगार्ड सुलतानपुर को सूचित किया था।

इस मामले में DIG/SP डॉ विपिन मिश्रा ने जानकारी दी है कि विश्राम पुत्र जय लाल निवासी बहुबरा थाना कुड़वार के साथ 40 हजार की टप्पेबाजी से संबंधित अभियोग विलंब से पंजीकृत करने, घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को न देने तथा इस प्रकरण में संदेही कालीचरण पुत्र राम अभिलाख को थाने लाकर दुर्व्यवहार करने के आरोप में थाना प्रभारी अखिलेश सिंह सहित आरक्षी अजातशत्रु पांडे एवं आरक्षी विजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

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