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24 साल से फरार 50 हजार रुपये का इनामी डकैत गिरफ्तार

 


लखनऊ औरैया जिले के अयाना पुलिस ने 24 सालो से फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी डाकू को गिरफ्तार करने का दावा किया है। गिरफ्तार डाकू लालाराम गिरोह का मुख्य सदस्य था जो कि भेष बदलकर साधु बनकर जिंदगी जी रहा था।औरैया पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर औरैया व अयाना पुलिस ने लालाराम गिरोह के मुख्य सदस्य, 24 वर्षो से फरार 50 हजार रुपये के घोषित इनामिया छेदा सिंह उर्फ छिद्दा निवासी भासौन को उसके घर से गिरफ्तार किया है। इस डाकू पर साल 2015 में 50000 का इनाम घोषित किया गया था।गिरफ्तार डाकू के पास से बृजमोहन दास पुत्र राम बालक दास के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड तथा राशन कार्ड भी बरामद हुए है। गिरफ्तार छेदा सिंह उर्फ छिद्दा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लालाराम गैंग का सक्रिय सदस्य था। इस गैंग के साथ मिलकर उसने फिरौती के लिए दर्जनों अपहरण और लूट की घटनाएं की थीं। उसने वर्ष 1998 में गैंग के साथ मिलकर थाना अयाना क्षेत्र के जसवंतपुर गांव के 4 लोगों का अपहरण किया था, जिसमें कुछ लोगों को फिरौती लेकर छोड़ा गया था। इसके अलावा एक अपहर्ता को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान छुड़वाया था। छिद्दा इसी मुकदमें में फरार चल रहा था।उसने बताया कि धीरे-धीरे जब गैंग समाप्त होने लगा तो पिछले 15-20 सालों से वह अपना नाम पता बदल कर चित्रकूट में बाबा बनकर रह रहा था।पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तार डाकू का आपराधिक इतिहास बताते हुए कहा कि उस पर औरैया, जालौन, भिण्ड व कानपुर देहात जनपदों में वर्ष 1997 से 2000 के बीच 24 मुकदमा दर्ज है। फरार इनामी डाकू को पकड़ने वाली टीम को उचित धनराशि प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा। चंबल में एक समय लाला राम और श्री राम के नाम का एक खूंखार डाकू गैंग हुआ करता था। पहले पुलिस ने अपने अभियान के तहत श्री राम को ठिकाने लगाया और उसके बाद साल 2000 में लालाराम को एक मुठभेड़ में तब धराशाई कर दिया जब वह महिला डाकू सीमा परिहार के साथ अपनी जिंदगी वेश बदल कर बिता रहा था।

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