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सीएम योगी ने कहा 100 दिनों के बाद जनता के सामने हर विभाग को देनी होगी कामों की जानकारी

 


 लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  मंत्रिपरिषद के साथ कृषि उत्पादन सेक्टर के सात विभागों की कार्ययोजना का प्रजेंटेशन देखा। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी विभागों को रोजगार के अवसरों पर फोकस रखना चाहिए। जो योजना प्रारम्भ करें उसे तय समय सीमा का अंदर शुरू किया जाए।इतन ही नही मुख्यमंत्री योगी ने कहा  100 दिनों के बाद जनता के सामने हर विभाग को अपने कार्यों का विवरण देना होगा। साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जनहित की योजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं लेकिन वित्तीय संतुलन जरूरी।मुख्यमंत्री योगी ने  प्रेजेंटेशन के बाद कहा कि बाढ़ से बचाव से सम्बन्धित काम 15 जून से पहले पूरा कर लिया जाए। पुराने तटबंधों की मरम्मत समय से कर ली जाए। साथ ही प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार कृषकों की आय में गुणात्मक वृद्धि करने के लिए संकल्पित है। अगले 05 साल के अंदर प्रदेश में ऐसा परिवेश तैयार किया जाए जहां पर्यावरण संवेदनशील कृषि व्यवस्था हो। खाद्यान्न एवं पोषण की सुरक्षा हो। आधुनिक कृषि तकनीक एवं पारंपरिक कृषि विज्ञान का अपेक्षित उपयोग किया जाना चाहिए। कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान को कृषकोन्मुखी और जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।सीएम ने कहा कि जनता से जुड़ी हुई प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे की कमी आड़े नही आनी चाहिए। सभी प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरा हो, इसका ध्यान रखना होगा।साथी ही विभागों में फिजूलखर्ची ना हो। सीएम ने कहा कि विभागों को अपने काम करने के तरीके में भी बदलाव करना होगा। सभी विभागों को रोजगार के अवसरों पर फोकस रखना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में रोजगार बढ़ने से एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में आसानी होगी।सीएम ने कहा कि प्रदेश की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य तेलों की जरूरत के सापेक्ष अभी केवल 30-35 फीसदी उत्पादन हो रहा है। जबकि दलहन का उत्पादन 40-45 फीसदी है। इसे मांग के अनुरूप उत्पादन तक लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ाना ही होगा। लघु एवं सीमांत किसानों की भूमिका इसमें अहम होगी। हर कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के प्रयास हों। केवीके में इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त हैं। हर सेंटर में एक प्रोसेसिंग यूनिट जरूर हो। इससे किसानों को लाभ होगा।फसल बीमा योजना के सर्वेक्षण को और सरल किया जाए। किसानों को इस संबंध में जागरूक किया जाए।

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