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युवती को पेट्रोल से जलाकर मौत के घाट उतारने के दोषी को उम्र-कैद,कोर्ट ने ठोंका 1.20 लाख का अर्थदंड


सुलतानपुर शादी से इंकार करने के चलते आधी रात युवती के घर जाकर उसे पेट्रोल से जलाकर मौत के घाट उतारने के आरोपी सनकी प्रेमी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने हत्या सहित अन्य आरोपो में दोषी करार दिया है। जिसे सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने उम्र-कैद एवं एक लाख बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर 24 मार्च 2015 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगिनी ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी 23 वर्षीय बेटी गनपत सहाय पीजी कालेज में पढ़ती थी,जिसे विद्यालय आते-जाते समय अक्सर मुंशीगंज थाना क्षेत्र के बघौरा का रहने वाला आरोपी रंजीत कुमार छेड़ता था,आरोप के मुताबिक आरोपी रंजीत की इस हरकत के बारे में जब वादिनी की पुत्री ने बताया तो वादिनी ने आरोपी रंजीत के घर जाकर उसके पिता हृदयराम से मामले की शिकायत की। शिकायत मिलने पर रंजीत के माता-पिता ने ऐसी घटना दुबारा न होने का भरोसा दिया था,आरोप के मुताबिक इसी के कुछ दिन बाद अचानक पता नही क्या हुआ कि रंजीत की माँ युवती से अपने बेटे की शादी करने का प्रस्ताव लेकर उसके घर पहुँच गई। फिलहाल युवती के घर वालों ने रंजीत के साथ अपनी बेटी की शादी करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। आरोप के मुताबिक इसी रंजिश की वजह से घटना की रात आरोपी रंजीत बोतल में पेट्रोल भरकर युवती के घर पहुँचा और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया। इस वारदात को अंजाम देते जलाई गई युवती की बहन ने देख लिया और शोर मचाना शुरू कर दिया,जिस पर पहुंचे लोगो ने आग बुझाई लेकिन तब तक युवती काफी जल चुकी थी,जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया,लेकिन ज्यादा जल जाने की वजह से वह बच नहीं सकी और दम तोड़ दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक युवती ने मरने के पूर्व मजिस्ट्रेट को अपना बयान दिया था ,जिसमे आरोपी रंजीत के जरिये पेट्रोल से जलाने की पुष्टी की थी। इस मामले में आरोपी रंजीत कुमार के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल हुई। मामले का विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने ग्यारह गवाहों को परीक्षित कराया एवं अन्य साक्ष्यों को भी पेश किया। वहीं बचाव पक्ष ने भी अपने तर्को को पेश कर आरोपी को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया। आरोपी रंजीत ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-313 के अंतर्गत दिये अपने बयान में कहा कि मृतका युवती उससे बहुत प्यार करती थी और वह विद्यालय जाते समय रुककर उसके साथ काफी समय बिताती थी,कभी-कभी वह बिना विद्यालय गये ही उससे मिलकर घर लौट जाती थी। रंजीत के मुताबिक एक-दूसरे को चाहने की वजह से उसने अपनी माँ से उसके घर शादी का प्रस्ताव भी भिजवाया था,लेकिन उसके घर वाले माने नहीं और इसी वजह से दुखी होकर युवती ने स्वयं को मौत के हवाले कर दिया। जबकि मृतका का मृत्युपूर्व बयान व अन्य साक्ष्य आरोपी रंजीत के इस कथन के खिलाफ ही रहा। इस केस में उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने आरोपी रंजीत की हत्या सहित अन्य अपराधों में दोषी करार देते हुए उम्र-कैद एवं एक लाख बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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