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शादी से पहले दुलहन को हुआ ब्रेन-स्ट्रोक,परिवार ने अंगदान कर पेश की मिसाल

 


नई दिल्ली कर्नाटक  से एक मिसाल पेश करने वाली खबर आई है।यहां कोलार  इलाके में 6 फरवरी को एक विवाह-समारोह चल रहा था। शादी से पूर्व की रस्मों के दौरान दूल्हा-दुलहन की तस्वीरें ली जा रही थीं। अगले दिन 7 फरवरी को शादी थी। इससे पहले ही अचानक दुलहन गश खाकर गिर पड़ी। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया तो मालूम पड़ा कि उसे ब्रेन-स्ट्रोक  हुआ है। अस्पताल पहुंचने में भी चूंकि देर हो गई थी। इसलिए लड़की ब्रेन-डेड  हो चुकी थी।तब दोनों परिवारों ने कोई और चारा न देख अपनी बेटी का अंगदान कर उसे दूसरों में जिंदा रखने का फैसला कियायह कहानी कोलार जिले कोडिचेरुवू गांव की चैत्रा केआर की है उसे इसी शुक्रवार को ब्रेन-डेड घोषित किया गया था ब्रेन-स्ट्रोक के बाद उसे बेंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस में भर्ती कराया गया था यहां के डॉक्टर शशिधर एचएन ने  बताया ब्रेन-स्ट्रोक  के बाद करीब 4,5 घंटे की अवधि बहुत महत्त्वपूर्ण होती है इसे गोल्डन-आवर्स कहते हैं चैत्रा को जब हमारे पास लाया गया तो उसकी यह अवधि बीत चुकी थीइसलिए तमाम कोशिशों के बावजूद हम उसे वापस नहीं ला सके उसे ब्रेन-डेड घोषित करना पड़ाचैत्रा के परिवारवालों की सहमति से उसकी दोनों किडनियां, हार्ट-वॉल्व और कॉर्निया हासिल कर लिए गए इन्हें बाद में राज्यस्तरीय अंग-प्रत्यारोपण समिति के जरिए अन्य जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित  कर दिया गया डॉक्टर शशिधर के मुताबिक निमहंस में यह पहला मौका है जब कोई मरीज ब्रेन-डेड  घोषित किया गया और प्रत्यारोपण के लिए उसके अंग हासिल किए गए जबकि कर्नाटक में यह इस साल का 12वां मामला है जब किसी मृत मरीज के अंग प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध हुए हैं.चैत्रा का इसी शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. उसके चाचा  बताते है चैत्रा बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थी लेक्चरर बनना चाहती थी घर की अकेली लड़की थी बेंगलुरू सेंट्रल यूनिवर्सिटी से उसने एमएससी किया था इस वक्त बीएड की तैयारी कर रही थी नजदीक ही चिंतामणि तालुका के कैवारा क्रॉस में एक निजी स्कूल में पढ़ाती भी थीवहीं, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने चैत्रा और उसके परिवारवालों की प्रशंसा की है।

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