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ग्यारह वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का खत्म हुआ केस, आरोपी को हुई उम्र कैद की सजा


सुलतानपुर। ग्यारह वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। जिसे स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने उम्र-कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले में एफआईआर दर्ज हुए अभी करीब दो वर्ष पूरे हुए थे,लेकिन कोर्ट की सक्रियता से केस में इतनी जल्दी फैसला आया और पीड़ित पक्ष को न्याय मिला। कोर्ट की इस सक्रियता से पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। मामला मोतिगरपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहाँ के रहने वाली एक महिला ने अपनी ग्यारह वर्षीय पुत्री के साथ 24 नवम्बर 2019 को हुई घटना के सम्बंध में मोतिगरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन जयसिंहपुर थाना क्षेत्र स्थित सिगरा भारी-विरसिंहपुर निवासी उसका रिश्तेदार आरोपी अवधेश अभियोगिनी की मासूम पुत्री को बहलाकर किसी बहाने खेत में लेकर चला गया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला। यहीं नहीं आरोपी ने अपने जुर्म पर पर्दा डालने के लिए पीड़िता की मासूमियत का नाजायज फायदा उठाकर उसे अपने साथ उसके घर लाकर पीड़िता को चोट आ जाने की वजह से खून बहने का बहाना बताने लगा। लेकिन जब घरवालों ने खून बहने की वजह पूंछी तो पीड़िता ने सारी सच्चाई बयां करते हुए दर्द होने की बात बताई। जिसके पश्चात पीड़िता की मां ने थाने पर तहरीर दी तो मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में आरोपी अवधेश को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजने की कार्यवाही की और तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सों एक्ट की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया और फर्जी एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर रुपयों के लेन-देन के विवाद में केस दर्ज कराने का तर्क रखा। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह ने अभियोजन गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी अवधेश को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहराकर इस घिनौनी वारदात के लिए कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने आरोपी को रेप व पाक्सो एक्ट के अपराध में दोषी ठहराते हुए उसे उम्र-कैद एवं 50 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। इस मामले में 25 नवम्बर 2019 को घटना की एफआईआर दर्ज हुई और विवेचक ने चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में प्रेषित किया। जिसके उपरांत केस का ट्रायल शुरू हुआ। ट्रायल के दौरान आने वाली तमाम विधिक बाधाओं के बाद भी कोर्ट की सक्रियता से सुनवाई मे तेजी आई और आज कोर्ट का निर्णय आने के बाद पीड़ित पक्ष को न्याय मिला।

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