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कचहरी में रेप के आरोपी की गोली मारकर हत्या

 


 लखनऊ गोरखपुर जिले में  शुक्रवार  दोपहर करीब 2 बजे दीवानी कचहरी में मुकदमें की तारीख देखने पहुंचे युवक की गेट के अंदर साइकिल स्टैंड के पास बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।पूरा ​दीवानी परिसर में गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। लोग इधर उधर भागने लगे। दीवानी कचहरी  पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई इस हत्या के बाद भी पुलिस आधे घण्टे बाद पहुची। लेकिन वहां मौजूद स्टैंड संचालक  व सिपाही अमित यादव और सूर्यप्रकाश ने जान की परवाह न करते हुए दौड़ा कर एक आरोपित को पकड़ लिया। घटना स्थल एडीजी कार्यालय से 200 मीटर, कैंट थाने से आधे किलोमीटर दूर है फिर भी पुलिसकर्मियों को पहुचने में आधा घण्टे लग गए। जिससे अधिवक्ता आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए। जिसके बाद एडीजी , एसएसपी , सीओ कैंट  सीओ गोरखनाथ फोरेंसिक के साथ पहुचे और जांच पड़ताल की। बाद में पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की पड़ताल में जुट गई।पुलिस के मुताबिक मूल रुप से बिहार का रहने वाला 25 वर्षीय दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर पंचर की दुकान चलाता था। इस दौरान वंहा मकान बनवाकर रह रहे बड़हलगंज के महराजगंज गांव निवासी भागवत निषाद की नाबालिग बेटी से प्यार हो गया।हत्या के बाद पकड़े गए आरोपित लड़की के पिता भगवत निषाद सेना से रिटायर्ड हैं। मृतक के अधिवक्ता शंकर शरण सिंह ने बताया कि दो साल पहले दिलशाद लड़की को लेकर हैदराबाद भाग गया था। इसके बाद ही उसपर दुष्कर्म, पास्को व अपहरण का केस दर्ज हुआ था। 15 दिन पहले ही वह गोरखपुर आया था।मृतक दिलशाद शुक्रवार को अधिवक्ता के पास तारीख पता करने आया था। गेट पे आंकर वह जूनियर अधिवक्ता  को फोन किया की गेट से गार्ड अंदर नही आने दे रहे। अधिवक्ता उसके पास आ रहे थे इतने में बाइक से दो लोग पहुचे और ताबड़ तोड़ 4 राउंड गोली चलाई। युवक के कनपटी, पेटके 3 गोली लग गयी। मौके पर ही उसकी मौत हो गयी। उधर, घटना के बाद स्टैंड के कनहैया व वंहा मौजूद 3 गार्डों ने दौड़ा कर एक आरोपित को पकड़ लिया।बदमाशों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने के बाद अधिवक्ता पूरी तरह आक्रोशित हो गए और सड़क पर आ गए। वकीलों ने घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भानू पांडेय ने इस घटना को पुलिस की नाकामी बताया है। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं हुए तो अधिवक्ता आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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