किसान सहकारी चीनी मिल परिसर में 34 महीनों से वेतन भुगतान न होने पर मिल कर्मचारियों ने किया धरना प्रदर्शन, 3 दिन में भुगतान न होने पर मिल का चक्का जाम करने दी चेतावनी
सुलतानपुर किसान सहकारी चीनी मिल परिसर में आज पूर्वांचल किसान सहकारी चीनी मिल मजदूर संघ द्वारा एक धरना प्रदर्शन की शुरुआत की गई। जो 31 दिसम्बर से 2 जनवरी तक लगातार चलता रहेगा। चीनी मिल मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष शकील अहमद ने बताया कि पिछले करीब 34 महीनों से कर्मचारियों का वेतन बकाया चल रहा है। जिससे मिल कर्मचारी और उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। बच्चों के विद्यालयों की फीस नहीं जमा हो पा रही है जिससे उन्हें आए दिन विद्यालय से बच्चो के नाम काटने की धमकियां भी मिलती हैं।
परिवार का जीवन यापन खतरे में आ चुका है इसकी शिकायत जिला प्रशासन और सांसद, विधायक से लेकर हाल ही में सीएम योगी के दौरे के दौरान उन्हें भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया। लेकिन हर कोई हमे अनदेखा कर दे रहा है। ऐसे में इन कर्मचारियों ने साफ तौर पर चेतावनी भी दी है कि 3 दिनों के अंदर अगर इनकी समस्या का हल नहीं हुआ 3 दिसंबर से यह मिल का चक्का जाम कर देंगे और किसानों के गन्ने का जो भी नुकसान होगा उसका जिम्मेदार मिल प्रशासन और मौजूदा सरकार होगी। वही धरना प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ विनोद जायसवाल मिल कर्मचारियों से मिलने पहुंचे और उनकी समस्या से अवगत होते हुए आश्वासन दिया कि इस जटिल समस्या को लेकर वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर वार्ता करेंगे और उनकी समस्या का मुद्दा सदन में उठेगा। वहीं उन्होंने मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार और सरकार के नुमाइंदे केवल झूठ बोलकर सरकार चला रहे हैं। जबकि चीनी मिल की स्थिति बहुत ही दयनीय है आए दिन कोई न कोई पुर्जे खराब रहते हैं। केवल इसका शुभारंभ कर खानापूर्ति कर दी गई है और सबसे बड़ी बात यह है कि शासन प्रशासन इस बात से अवगत होने के बाद भी इनकी समस्या को लेकर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। इस सरकार के हिसाब से केवल लोगो से पकौड़ी तलवा देना ही रोजगार देना हो जाता है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और सांसद समेत चार विधायक मौजूदा समय में भाजपा के है। फिर भी इन कर्मचारियों का परिवार अगर भुखमरी के कगार पर आ जाए तो यह यहां के जनप्रतिनिधि और मौजूदा सरकार के लिए बहुत ही शर्मनाक है।
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