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अब ऑनलाइन होगी आपकी वंशावली


लखनऊ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के डिजिटल इंडिया  अभियान से अब तीर्थराज प्रयाग के तीर्थ पुरोहित  और पंडा समाज भी जुड़ रहा है। तीर्थ पुरोहितों ने अब अपने यजमानों की वंशावली को डिजिटल करने की शुरुआत कर दी है। वंशावली को ऑनलाइन करने के लिए कुलवृक्ष  कंपनी की ओर से वेबसाइट और मोबाइल एप तैयार की गई है। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति अपनी दो से तीन पीढ़ियों के बारे में ही जान पाता है। हांलाकि प्रयागराज आने वाले यजमानों की वंशावली का पूरा व्यौरा तीर्थ पुरोहितों के पास मौजूद रहता है। तीर्थ पुरोहितों द्वारा इसे पारम्परिक तरीके से बही खाते में दर्ज किया जाता है। जहां इन अहम दस्तावेजों के काफी पुराने होने पर उन्हें दोबारा उसे लिखवाना पड़ता था। इसके साथ ही कई बार इन दस्तावेजों के नष्ट होने का भी खतरा बना रहता है।ऐसे में वंशावली के डिजिटल होने से बही के नष्ट होने का कोई खतरा नहीं रहेगा।डिजिटल होने से कई पीढ़ियों की जानकारी भी एक क्लिक पर मिलेगी। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों को भी अपनी परंपरागत मोटी-मोटी पोथियों और बही खातों के रखरखाव से छुटकारा मिलेगा। इससे जहां पुरोहितों को बही खातों के लेखन की पुरानी परंपरा से निजात मिलेगी।वहीं एक क्लिक पर विदेशों में बैठे यजमानों को भी अपनी वंशावली के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। कुलवृक्ष कंपनी की ओर से वेबसाइट www.kulvriksh.org और मोबाइल एप्लीकेशन कुलवृक्ष तैयार किया गया है।कुलवृक्ष वेबसाइट और मोबाइल ऐप से वंशावली डिजिटल करने वाले पहले तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडेय और दीपू मिश्रा जुड़ चुके हैं।जो कि अपने यजमानों की वंशावली को डिजिटल करने का काम कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहित दीपू मिश्रा के मुताबिक प्रयागराज में अयोध्या के राजा दशरथ और उनके सुपुत्र भगवान श्री राम की वंशावली जहां प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों के पास मौजूद है वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के खानदान की यहां पर वंशावली है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और स्वामी करपात्री महाराज की वंशावली भी तीर्थ पुरोहितों के पास मौजूद है।वहीं कुलवृक्ष के तकनीकी प्रमुख प्रमोद मिश्र के मुताबिक यह वेबसाइट भारत की युवा वर्ग और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद कारगर साबित होगी क्योंकि इस वेबसाइट में न सिर्फ अपने पूर्वजों का लेखा जोखा रख सकते हैं, बल्कि अपने दैनिक गतिविधियों को भी दर्ज कर सकते हैं। इस वेबसाइट में अपने कुल से संबंधित एक-एक व्यक्ति का डाटा उपलब्ध होगा, ताकि आप की वास्तविक ब्लड चेन के लोग यानी आप के कुल के दूरदराज के रिश्तेदार व सगे संबंधियों का विवरण भी आप यहां से देख पाएंगे और चैट के सुविधा के साथ आप उनसे संपर्क भी कर सकेंगे। यहां पर अपने परिवार के सदस्यों की जीवनी लिख पाएंगे और उसे रिकार्ड भी कर पाएंगे। यहां पर दर्ज की गई वंशावली एक फैमिली ट्री के रूप में दिखाई देगी।जिसमें न सिर्फ आपके परिवार के लोगों का नाम दर्ज होगा बल्कि फोटोग्राफ सहित उनके विवरण भी आपको देखने को मिल जाएंगे। कुल वृक्ष के प्रतिनिधियों के मुताबिक इस प्रकार के प्रयोग से तीर्थ पुरोहित भी हाईटेक हो जाएंगे।

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