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खैराबाद में निकला अलविदाई जुलूस; अंजुमनो ने पेश किया पुरसा


सुलतानपुर दो महीने तक लगातार मजलिस और जुलूस के बाद आज शिया समुदाय ने अलविदाई जुलूस निकालकर हज़रत इमामे हुसैन का मोहर्रम के सिलसिले का अलविदाई जुलूस निकालकर हज़रत इमाम हुसैन और उनके घर वालों को याद किया। शहर के खैराबाद मोहल्ले में बेगम हुसैन अकबर साहब मरहूम के इमाम बारगाह से एक जुलूस निकालकर मस्जिद मीर बंदे हसन तक ले जाया गया। जहां अंजुमनो ने पुरसा पेश किया।जुलूस की मजलिस को मौलाना बबर अली खान ने खिताब किया। उन्होंने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन ने 1400 साल पहले जो कुर्बानी कर्बला के मैदान में पेश किया वो इंसानियत को बचाने के लिए पेश किया। आज अगर हममे इंसानियत के हूकूक बचाने का जज्बा है तो हम सच्चे हुसैनी है। उन्होंने कहा कि इंसान होने का मतलब है अल्लाह को याद करते रहें और बंदों की मदद करते रहे। मौलाना ने यह भी कहा कि मज़हबे इस्लाम अपने हर मानने वाले से यह चाहता है कि जब इंसान की मदद करो तो वहां मज़हब और ज़ात नही देखना है, यह देखो कि जिसकी मदद कर रहे वह खुदा का बंदा है तो उसकी मदद कर दो। मौलाना ने कहा कि हम जहां अपने दुश्मनों की मदद से बचते हैं वहीं हज़रत इमाम हुसैन ने हुर जैसे दुश्मन की मदद करके रहती दुनिया तक पैगाम दिया कि दुश्मन भी अगर जान से हाथ धो रहा है तो उसकी मदद की जानी चाहिए। जुलूस का संचालन अज़हर अब्बास ने किया। पेशखानी जनाब जेया मेंहदी, जनाब शेर अली ने किया। जुलूस में अंजुमन गुंचए मजलूमिया शहर सुलतानपुर और अंजुमन जीनतुल अजा अलीगढ़ अमहट ने नौहाखानी व सीनाजनी पेश किया। इस मौके पर हाजी मुजाहिद अकबर, पत्रकार साजिद हुसैन, शाहिद अकबर, आलम रिज़वी, आसिम सज्जाद आदि मौजूद रहे।

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