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पानी पीने के बहाने घर में घुसकर किशोरी से छेड़खानी के दोषी को स्पेशल जज ने सुनाई सजा


सुलतानपुर दुकान पर बैठी किशोरी के अकेलेपन का फायदा उठाकर पीने का पानी मंगाने के बहाने उसके पीछे- पीछे घर मे जाकर अश्लील हरकत करने के मामले में स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी दारा सिंह को दोषी करार दिया है। जिसे अदालत ने तीन वर्ष के कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र से जुड़ा है। इसी थाना क्षेत्र के उत्तरपाटी गांव निवासी आरोपी दारा सिंह के खिलाफ 19 अप्रैल 2014 की घटना बताते हुए मुसाफिरखाना थाने में पीड़िता किशोरी ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन पीड़िता के पिता सुलतानपुर दवा लाने गये थे और उसकी माँ भी उन्ही के साथ चली गई थी, इस दौरान 17 वर्षीय किशोरी अकेले अपनी दुकान पर मौजूद रही,तभी उसे अकेला देखकर आरोपी दारा सिंह उसकी दुकान पर आ गया और बार-बार प्यास लगने की बात कहकर पीड़िता से पानी मांगने लगा,कई बार पीड़िता ने दुकान छोड़कर पानी दे पाने से मना भी किया,लेकिन तब भी वह ज्यादा प्यास लगने का बहाना बताकर लगातार पानी मांगता रहा,क्योंकि इसी बहाने उसका इरादा कुछ और ही था। पीड़िता के मुताबिक बार-बार पानी मांगता देख वह पानी लाने घर मे चली गई,तभी पीछे से आकर पीड़िता को आरोपी दारा सिंह ने पकड़ लिया और उससे अश्लील हरकत करते हुए गलत काम करने का प्रयास किया,जिस पर लड़की ने विरोध किया तो उसे व उसके परिवारीजनों को जान से मार डालने की धमकी भी मिली। इस घटना के सम्बंध में पीड़िता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और आरोप पत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सों एक्ट/एडीजे-12 की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता सीएल द्विवेदी ने अभियोजन गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपी दारा सिंह को घटना का जिम्मेदार ठहराया। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने आरोपी को मामले में दोषी ठहराते हुए उसे तीन वर्ष के कारावास एवं 20 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। नाबालिगों से जुड़े अपराध के मामलो में कोर्ट की बढ़ी सक्रियता एवं लगातार आ रहे फैसलों की वजह से इन दिनों ऐसे मामलों से जुड़े अपराधियों में दहशत का माहौल है। मालूम हो कि स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत का यह ताबड़तोड़ छठा फैसला है,जो कि बिना अंतराल के लगातार छह दिनों से आ रहा है। कोर्ट की बढ़ी सक्रियता से यौन अपराध से जुड़े आरोपियों के जरिये अपने को बचाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाने की चर्चाएं हो रही है।

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