महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत,लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी और उनके बेटे हिरासत में लिए गए
लखनऊ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देर शाम यूपी से सहारनपुर पुलिस और एसओजी की टीम हरिद्वार के आश्रम में पहुंची थी और करीब डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद आनंद गिरि को गिरफ्तार कर साथ ले गई।महंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। यूपी पुलिस को उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि और लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी को मौत की वजह बताया था।यूपी पुलिस की सूचना के बाद उत्तराखंड पुलिस ने देर रात को ही हरिद्वार के आश्रम में आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया था। आनंद के बाद आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी यूपी पुलिस ने पूछताछ के लिए प्रयागराज से हिरासत में ले लिया।सोमवार शाम से ही उत्तराखंड पुलिस आनंद गिरि के कांगड़ी गाजीवाली स्थित आश्रम पहुंच गई थी और उन्हें हाउस अरेस्ट कर रखा था। रात करीब साढ़े 10 बजे यूपी पुलिस की सहारनपुर एसओजी की टीम पहुंची और बंद कमरे में करीब एक घंटे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर साथ ले गई। हरिद्वार पुलिस अधीक्षक सिटी कमलेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस आनंद गिरि को राज्य में लेकर चली गई है, क्योंकि यह मामला उत्तर प्रदेश का है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मौके पर पहुंचे अधिकारियों के अनुसार नरेंद्र गिरि ने जिस कमरे में सुसाइड किया है, वह दरवाजा बंद था। अनुयायियों की सूचना पर दरवाजा तोड़कर नरेंद्र गिरि का शव निकाला गया। मौके से सुसाइड नोट मिला है। सल्फास खाने की जो बात सामने आ रही है, वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।पुलिस के मुताबिक नरेंद्र गिरि का कमरा अंदर से बंद था। उसे तोड़ा गया। उनका शव जमीन पर पड़ा हुआ था। उनके गले में नायलोन की रस्सी का फंदा भी था।फिलहाल मठ को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। मठ के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। जिलाधिकारी संजय खत्री, आईजी केपी सिंह, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी पहुंच गए थे। मठ के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
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