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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी से कहा एसपी मैनपुरी को हटाएं या जबरन रिटायर किया जाए


लखनऊ मैनपुरी में दो साल पहले जवाहर नवोदय विद्यालय में हुई एक नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज UP के DGP मुकुल गोयल को तलब किया। DGP सुबह 10 बजे हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने छात्रा की हत्या से जुड़े कई सवाल किए। कहा इस हत्याकांड में अभियुक्तों का बयान लेकर छोड़ दिया गया। उनकी गिरफ्तारी तक नहीं हुई। कोर्ट ने DGP से FIR की कॉपी अपने सामने पढ़वाई और जमकर फटकार लगाई।हाईकोर्ट ने DGP को SP मैनपुरी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि SP मैनपुरी को हटाएं या जबरन रिटायर किया जाए। कार्रवाई नहीं की गयी तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।कोर्ट ने यह भी कहा, हमें खुद बताना पड़ रहा है कि इस मसले में अब तक क्या-क्या हुआ है। अभिलेखों को अच्छी तरह से देख लीजिए और पूरा मामला समझ लीजिए। इसके बाद कल सुबह 10 बजे पूरी तैयारी के साथ कोर्ट के सामने उपस्थित हों। इस मामले की सुनवाई कल सुबह 10 बजे होगी और तब तक आप प्रयागराज नहीं छोड़ सकते।यह आदेश कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस एके ओझा की डबल बेंच ने महेंद्र प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर दिया। सुनवाई की शुरुआत में छात्रा की फांसी के बाद पंचनामे की वीडियो रिकार्डिंग देखी। इसके बाद कोर्ट ने DGP से पूछा कि किसी के भी खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने पर पहला काम क्या करते हैं? DGP ने जवाब दिया कि गिरफ्तारी। फिर कोर्ट ने पूछा कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? क्या आपने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी है?DGP का जवाब मिला नहीं।कोर्ट ने कहा, मैं आपको बताता हूं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़ों पर सीमेन पाया गया है। उसके सिर पर चोट के निशान थे। इसके बाद भी 3 महीने बाद अभियुक्तों का केवल बयान ही लिया गया ऐसा क्यों? इस पर DGP मुकुल गोयल ने कहा कि माइ लॉर्ड फिर से SIT का गठन कर देते हैं।DGP मुकुल गोयल के इस जवाब पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि 3 साल में पूर्व में गठित SIT ने क्या किया? अब एक और SIT के गठन से क्या होगा? किस पर विश्वास किया जाए? कोर्ट ने पूछा, आपने तीन सालों में किसके खिलाफ कार्रवाई की।16 सितंबर 2019 को 16 वर्षीय एक छात्रा अपने जवाहर नवोदय स्कूल में फांसी पर लटकती मिली थी। पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला है। दूसरी ओर उसकी मां ने आरोप लगाया था कि उसे परेशान किया गया, पीटा गया और जब वह मर गई तो उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। मृतका के पिता ने सीएम योगी से जांच की गुहार लगाई तो SIT ने जांच की थी। 24 अगस्त 2021 को SIT टीम ने केस डायरी हाईकोर्ट में रखी।

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