ब्रेकिंग न्यूज

इमाम हुसैन की याद में नवजवानों ने निकाला 25 किमी. लंबा सफरे इश्क, परचम के साथ तिरंगा लेकर तय किया पैदल सफर


सुलतानपुर हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में अपनी शहादत से पहले हिंदुस्तान आने की जो इच्छा जाहिर की थी शहर के शिया समुदाय के नवजवानों ने उसे चरितार्थ किया। मुल्क की आन-बान और शान तिरंगे को अपने मजहबी परचम से आगे रखकर नवजवानों ने 25 किमी. लंबा सफर इश्क मार्च निकाला। जहां नवजवानों ने लब्बैक या हुसैन के नारे लगाकर हजरत इमाम हुसैन से अकीदत का इजहार किया वहीं हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर वतन से मोहब्बत का सबूत दिया। आफताब आलम (कर्बलाई) उर्फ भइया ने जानकारी देते हुए बताया कि पैगम्बर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को 10 मोहर्रम सन 61हिजरी में यजीदीयों ने कर्बला के मैदान में उनके 71 साथियों के साथ भूखा-प्यासा शहीद किया था। 40 दिन पूरा होने पर उनका चालीसवां भी नही हुआ इसलिए के यजीद ने उनके घर वालों को कैद कर रखा था। इसी की याद में मोहर्रम से ठीक 40वें दिन इमाम हुसैन का चालीसवां आयोजित किया जाता है़। करोड़ो की संख्या में जायरीन (श्रद्धालु) इराक के कर्बला शहर जाकर इमाम हुसैन के रौजे पर आंसू का नजराना पेश करते हैं। अकीदत मंद सैकड़ों किमी. पैदल सफर तय करके रौजे पर पहुंचते हैं। कोरोना के कारण बीते वर्ष और इस वर्ष हम लोग वहां नही जा सके इसलिए उस आस्था को मद्देनजर रखते हुए अलीगंज बाजार स्थित हजरत अली की दरगाह से रविवार दोपहर 12:30 सफरे इश्क निकाला गया। जिसमें नवजवान-बच्चे सभी शामिल हुए। करीब 25 किमी का सफर रविवार रात 8:30 बजे शहर के गभडिया स्थित दरगाह पर खत्म हुआ। ये जानकारी अज़हर अब्बास ने दी।

कोई टिप्पणी नहीं