इंजीनियर की नौकरी छोड़कर बने साइबर अपराधी
लखनऊ पुलिस ने ऑन लाइन ठगी करने वाले 4 इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह कॉल कर दूसरे राज्यों में बैठे लोगों को ठगने का काम करते थे। लॉकडाउन में इंजीनियर नौकरी छोड़कर यह चारों साइबर अपराधी बन गए। पुलिस की जांच पड़ताल में आया है कि यह गिरोह अभी तक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में करीब 100 लोगों को ठगी का निशाना बना चुका है। मेरठ क्षेत्राधिकारी ब्रह्मपुरी ने बताया कि एडीजी ऑफिस में तैनात हेड कांस्टेबल गजराज सिंह के व्हाट्सएप पर एक लिंक आया था। जब गजराज सिंह ने लिंक पर क्लिक किया तो उनके खाते से 2000 कट गए। इस संबंध में टीपी नगर थाने में पीड़ित ने केस दर्ज कराया। जब साइबर टीम व टीपी नगर पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह गिरोह ऑनलाइन ठगी करता है। इस मामले में शनिवार रात पुलिस ने गौरव निवासी गोकुल विहार, अंकित शर्मा निवासी टीपी नगर, रजत शर्मा निवासी गोकुल विहार, हाल पता नोएडा और प्रिंस निवासी शांतिकुंज को गिरफ्तार किया है। सभी मेरठ के रहने वाले हैं। इनके पास से चार मोबाइल बरामद हुए हैं। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड रजत यादव है, जो नोएडा में एक कंपनी में इंजीनियर था। 1 साल पहले सभी ने मिलकर यह ठगी का गैंग बनाया। इनमें अंकित कॉल सेंटर में नौकरी करता था, जबकि रजत आईटी कंपनी में इंजीनियर था। और प्रिंस भी आईटी कंपनी में इंजीनियर था। गौरव भी बीटेक पास है, और नोएडा के कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।क्षेत्राधिकारी ने बताया कि यह चारों ही गिरफ्तार आरोपी इंजीनियर हैं। लॉकडाउन में यह अपने घर से ही ऑनलाइन वर्क करने लगे। जहां इन्होंने साइबर अपराध ब करना शुरू कर दिया।सॉफ्टवेयर बनाकर लोगों के पास मैसेज भेजते थे। जिसमें प्राइस और आपके खाते में रुपए ट्रांसफर करने जैसे लुभावने मैसेज भेजे गए। जैसे ही लोग इनकी बातों में फंसकर मैसेज को क्लिक करते, मैसेज पर क्लिक करते ही एक ओटीपी आता। जिसे सॉफ्टवेयर की मदद से ये लोग ऑपरेट करते इसके बाद अकाउंट से पैसे उड़ जाते थे।
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