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अनुदान में फर्जीवाड़े पर 19 लेखपाल सस्पेंड


लखनऊशादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना के फर्जीवाड़े में कानपुर के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने अब तक की बड़ी कार्रवाई की है। सदर तहसील के 19 लेखपालों को निलंबित किया है। वर्तमान और पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, दोनों विभाग के लेखाकार, दो नायब तहसीलदार और तत्कालीन तहसीलदार व वर्तमान एसीएम द्वितीय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। आठ कानूनगो पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई सिफारिश की है। जांच रिपोर्ट में सदर तहसील में तैनात रहे 19 लेखपालों को लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपात्र आवेदनों पर रिपोर्ट लगाने का दोषी माना गया है। लेखपालों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उपजिलाधिकारी सदर को आदेश दिया है। ठीक से पर्यवेक्षण नहीं करने और लापरवाही पर वर्तमान पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी लालमणि मौर्य, पूर्व अजीत प्रताप सिंह, वर्तमान अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल, पूर्व प्रियंका अवस्थी, लेखाकार संजय पांडेय और नीरज मेहरोत्रा पर विभागीय कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। नायब तहसीलदार विराग करवरिया और अरसला नाज  को अपात्रों की संस्तुति जिला स्तरीय समिति को भेजने का दोषी माना है। तत्कालीन तहसीलदार व एसीएम द्वितीय अमित कुमार गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और अध्यक्ष बोर्ड आफ रेवन्यू को लिखा गया है। जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि लेखपालों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है। मामले का खुलासा होने के बाद कमेटी ने 51 अफसरों को घर-घर सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चला कि 1800 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो पात्र ही नहीं हैं। कई ऐसे भी थे जिनकी बेटियां भी नहीं हैं। फैक्ट्री और दुकान के पते पर लोगों का मकान दिखाकर उन्हें योजना का लाभ दिया गया। 1106 लोगों ने गलत पते दिखाकर पारिवारिक लाभ योजना और 702 लोगों ने शादी अनुदान योजना का गलत पते दिखाकर लाभ लिया।

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