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ICMR के वैज्ञानिक का दावा,डेल्टा प्लस वैरिएंट से कोरोना की तीसरी लहर आएगी,यह कहना जल्दबाजी


नई दिल्ली। केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च  ने इन दावों पर विराम लगाया है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में महामारी की तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार होगा।इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डॉ. सुमित अग्रवाल ने गुरुवार को बताया यह कहना जल्दबाजी होगी कि देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से महामारी की तीसरी लहर आएगी। इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि, प्रत्येक वायरस में म्यूटेट होने की एक सामान्य प्रवृत्ति होती है। इसे हम नियंत्रित नहीं कर सकते।महामारी की शुरुआत में यह अल्फा था, बाद में यह डेल्टा हुआ और अब यह डेल्टा प्लस हो गया है। भविष्य में और भी म्यूटेशन देखने को मिल सकते हैं। हमें इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा। हालांकि, उन्होंने इसे चिंताजनक बताया है।डॉ. सुमित ने कहा, 'अब तक हमने डेल्टा प्लस वैरिएंट के तीन लक्षणों की पहचान की है। पहला यह बहुत तेजी से फैलता है। दूसरा यह फेफड़ों को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाता है। तीसरा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का असर कम कर देता है।' अग्रवाल डिवीजन ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में वैज्ञानिक और प्रोग्राम ऑफिसर हैं।देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। इनमें महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु शामिल हैं। महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के सबसे ज्यादा 21 केस मिले हैं।

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