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थाने के लॉकअप में बंदी की मौत का मामला; एसओ-दरोगा और एक सिपाही पर दर्ज हुआ हत्या का केस


लखनऊ सुलतानपुर मे गुरुवार को पुलिस कस्टडी में बंदी की मौत के मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष, एक दरोगा और सिपाही के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही इन आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ एससीएसटी की धारा भी लगाई है। बता दें कि लगभग 42 घंटे बाद शुक्रवार को बंदी राजेश का शव गांव में दफनाया गया।गौरतलब हो कि, कुड़वार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी राजेश कोरी (35) पर गांव की एक किशोरी को 31 मई को लेकर फरार हो गया था। किशोरी की मां ने राजेश के खिलाफ 31 मई की रात में थाने में बेटी को बहलाकर भगा ले जाने की तहरीर दी थी। लेकिन पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया था। एक जून को कुड़वार थाने की पुलिस राजेश की मां आशा और उसकी पत्नी ज्योति को हिरासत में लेकर थाने पहुंच गई थी। इसकी जानकारी जब राजेश को हुई तो वह किशोरी को लेकर दो जून की दोपहर खुद कुड़वार थाने में पहुंचा था। गुरुवार को राजेश की लॉकअप के अंदर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुक्रवार को जिला अस्पताल में अधिकारियों ने मॉर्च्युरी से राजेश के शव को बाहर निकालकर उसकी जांच की तो उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे। आज शनिवार को बंदी राजेश कोरी का शव उसके पैतृक गांव कुड़वार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में संगीनों के साए में दफनाया गया। उपजिलाधिकारी ,क्षेत्राधिकारी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद थे।

इस क्रम में बंदी राजेश की मां आशा देवी की तहरीर पर तत्कलीन एसओ अरविन्द पांडेय, दरोगा संजय यादव व सिपाही बृजेश सिंह के खिलाफ कुड़वार थाने में धारा 452, 392, 323, 504, 506, 307, 302 आईपीसी व 3(2)(v)अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।


 

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