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निरंतर बारिश के कारण शाही पुल दोस्तपुर ध्वस्त होने के कगार पर


सुलतानपुर।सुलतानपुर एवं अम्बेडकर नगर जिलों को जोड़ने वाली मंजूषा (मझुई) नदी पर  बना शाहीपुल उपेक्षा एवं मरम्मत के अभाव में एवं कुछ दिनों से हो रही निरंतर बारिश के कारण ध्वस्त हो गया। दोनों ज़िलों को जोड़ने वाली एक मात्र जीवन रेखा समान मुगल कालीन प्राचीन शाहीपुल के ध्वस्त होने से सुचारु आवागमन पर खतरा मंडराने लगा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खण्ड संघचालक एवं उद्योग व्यापार मंडल दोस्तपुर के पूर्व संरक्षक राम सुख भारतीय ने बताया कि इस पुल का निर्माण मुगल काल में हुआ था। पुल के बीचों बीच जड़े हुए फ़ारसी लिपि में उत्कीर्ण लेखन से इसके मरम्मत की जानकारी मिलती है। जिसके अनुसार "पुलकिया आगाँ अली खां, फलक औरंग ने की मरम्मत पुल्किये शाहे अमीन हिज़री 1270....." जिससे प्रतीत होता है कि लगभग 200 वर्ष पूर्व उक्त शाहीपुल की मरम्मत की गई थी। तब से लेकर आजतक दोनों जिलों के प्रशासन की उपेक्षा का शिकार बना रहा। जबकि ऐसे शाहीपुल को पुरातत्व विभाग को अपने सरंक्षण में लेकर सरंक्षित करना चाहिए था। लोक निर्माण विभाग दोनों जिलों की बात कह कर अपनी कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। शासन-प्रशासन और लोक निर्माण विभाग यदि अभी भी चाहे तो पुल का त्वरित मरम्मत कर इसको और ज्यादा दुर्गति से बचा सकता है। दोस्तपुर के  नगरवासियों ने शासन-प्रशासन से निवेदन किया है कि दोस्तपुर शाही पुल का पुनर्निर्माण किया जाय और तब तक सुचारू आवागमन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाय।

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